वाराणसी में कांवड़ियों पर हमले से धार्मिक असहिष्णुता का मामला गरमाया
वाराणसी कांवड़िया हमला: धार्मिक असहिष्णुता पर सवाल
वाराणसी कांवड़िया हमला: सावन के तीसरे सोमवार को वाराणसी के राजातालाब क्षेत्र में कांवड़ियों पर हुए हमले ने धार्मिक असहिष्णुता और कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं। कांवड़ यात्रा के दौरान 'हर-हर महादेव' और 'बोल बम' के नारे लगाने पर दो हिंदू युवकों पर हमला किया गया, जिसमें से एक की स्थिति गंभीर बताई जा रही है। इस घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया, जिसके चलते पुलिस को सुरक्षा व्यवस्था बढ़ानी पड़ी।
पलटू यादव का बयान: अल्लाह-हू-अकबर कहने का दबाव
बदैनीकला के निवासी कांवड़िया पलटू यादव ने बताया कि वह अपने मित्र शुभम यादव के साथ अदलपुरा से जल लेकर जंसा शिव मंदिर जा रहे थे। जब वे राजातालाब रेलवे फाटक के पास पहुंचे, तो 10-12 मुस्लिम युवकों ने उन्हें रोक लिया। उन्होंने 'हर-हर महादेव' और 'बोल बम' का नारा लगाने से रोका और 'अल्लाह-हू-अकबर' कहने का दबाव डाला। इसके अलावा, उन पर हिंदू धर्म छोड़कर इस्लाम अपनाने का भी दबाव बनाया गया।
धारदार हथियार से हमला: सड़क पर दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया
जब दोनों ने इसका विरोध किया, तो पलटू यादव के सिर पर धारदार हथियार से हमला किया गया, जिससे उसका सिर फट गया। शुभम चिल्लाते हुए भागा, लेकिन आरोपियों ने उसे सड़क पर दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। यह घटना मस्जिद के सामने हुई, जहां मौजूद भीड़ ने उन्हें घेर लिया और बुरी तरह पीटा। बाद में अन्य कांवड़ियों के आने पर उनकी जान बची।
पुलिस कार्रवाई: 12 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने 12 लोगों के खिलाफ मारपीट, लूट, जबरन धर्म परिवर्तन का प्रयास और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के आरोप में मामला दर्ज किया है। पुलिस ने मुख्य आरोपी मुनव्वर समेत 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि अन्य की तलाश जारी है। पुलिस ने रात भर दबिश दी।
हंगामे के बाद सड़क जाम: पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी
घटना की जानकारी फैलते ही अन्य कांवड़ियों ने हाईवे जाम कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। एसओ राजातालाब, एसीपी और डीसीपी स्तर के अधिकारी मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को शांत करने का प्रयास किया। लेकिन सभी कांवड़िये ठोस कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे।
विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष हिरासत में
हंगामे के दौरान, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के जिलाध्यक्ष राजेश पांडेय और मंत्री पवन पाठक मौके पर पहुंचे और आरोपी के घर की ओर जाने की कोशिश की। वे अपनी लाइसेंसी बंदूक लेकर आए थे। पुलिस ने उन्हें रोका, जिससे हाथापाई हो गई। बाद में पुलिस ने राजेश पांडेय को हिरासत में ले लिया और उनकी बंदूक जब्त कर ली।
सरकार पर निशाना: भक्तों की पिटाई पर प्रतिक्रिया
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “काशी में कांवड़ियों की पिटाई हुई। वह भी उस शासन में, जो खुद को सनातन रक्षक कहता है। मुख्यमंत्री पूरी मंत्रिपरिषद के साथ प्रधानमंत्री के स्वागत की तैयारी में व्यस्त हैं, लेकिन मैदान पर भक्तों का अपमान हो रहा है।”
कानून-व्यवस्था पर सवाल: यूपी की सुरक्षा व्यवस्था पर चिंता
इस घटना ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था को कठघरे में खड़ा कर दिया है। सावन के पवित्र महीने में कांवड़ियों की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन ऐसे हमले धार्मिक ध्रुवीकरण को और बढ़ा सकते हैं, खासकर जब धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डालने और अल्लाह-हू-अकबर के नारे लगाने का मामला सामने आया हो।