विभाजन विभीषिका दिवस: जिन्ना का धर्म परिवर्तन और पाकिस्तान का जन्म
विभाजन की दर्दनाक कहानी
विभाजन विभीषिका दिवस विशेष: 14 अगस्त 1947 की तारीख भारत के इतिहास में एक दुखद अध्याय के रूप में दर्ज है। इसी दिन अखंड भारत दो भागों में विभाजित हुआ और पाकिस्तान नामक एक नए इस्लामिक राष्ट्र का उदय हुआ। इस विभाजन के दौरान लाखों लोगों को अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा, और हजारों निर्दोष लोगों की हत्या कर दी गई। इस विभाजन की योजना में कई प्रमुख व्यक्तियों का योगदान था, जिनमें मुहम्मद अली जिन्ना, रहमत अली, लियाकत अली और लॉर्ड माउंटबेटन शामिल हैं।
इनमें से जिन्ना का नाम सबसे प्रमुखता से लिया जाता है, जिन्होंने मुस्लिमों के लिए एक अलग देश की मांग की और पाकिस्तान की नींव रखी। लेकिन यह जानकर कई लोग चौंक सकते हैं कि जिन्ना के पूर्वज मुस्लिम नहीं थे, बल्कि वे हिंदू थे। विभाजन के समय पाकिस्तान को दो हिस्सों में बांटा गया था - पूर्वी पाकिस्तान, जो आज का पाकिस्तान है, और पश्चिमी पाकिस्तान, जो अब बांग्लादेश के रूप में जाना जाता है। पाकिस्तान की पहचान हमेशा से एक इस्लामिक देश के रूप में रही है, जबकि भारत ने खुद को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र के रूप में प्रस्तुत किया है।
जिन्ना के पिता, पुंजालाल प्रेमजीभाई मेघजी ठक्कर, हिंदू थे, जो बाद में जिन्नाभाई पूंजा के नाम से जाने गए। यह तथ्य कई लोगों को आश्चर्यचकित कर सकता है। दरअसल, जिन्ना के पिता लोहाना जाति से थे और गुजरात के काठियावाड़ के निवासी थे। उन्होंने गुस्से में आकर इस्लाम धर्म अपनाया, जब उनकी जाति के लोगों ने उनके मछली के व्यापार का विरोध किया। हालांकि, जिन्ना के दादा प्रेमजीभाई ने हिंदू धर्म नहीं छोड़ा।
प्रेमजीभाई मेघजी ठक्कर का मछली का व्यापार काफी सफल था, लेकिन लोहाना जाति के शाकाहारी होने के कारण उनके व्यापार को बिरादरी में स्वीकार नहीं किया गया। प्रेमजीभाई ने अपने व्यवसाय को जारी रखा, लेकिन उनके बेटे पुंजालाल ने जाति के अपमान को सहन नहीं किया और अपनी पत्नी और बच्चों के साथ इस्लाम धर्म अपनाया। इसके बाद, जिन्नाभाई पूंजा अपने परिवार के साथ काठियावाड़ छोड़कर कराची चले गए, जहां उन्होंने एक सफल व्यवसाय स्थापित किया।
जिन्नाभाई ने अपने बच्चों को मुस्लिम धर्म के अनुसार पाला, और आगे चलकर उनके बेटे जिन्ना ने धर्म के आधार पर पाकिस्तान का निर्माण किया। विभाजन के इस दर्दनाक अनुभव को याद करते हुए, भारत हर साल 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका दिवस' के रूप में मनाता है।