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शादी के 9 दिन बाद प्रेमी संग भागी दुल्हन: पति ने दी अनोखी प्रतिक्रिया

उत्तर प्रदेश के बदायूं में एक नवविवाहिता ने शादी के केवल 9 दिन बाद अपने प्रेमी के साथ भागने का निर्णय लिया। इस पर उसके पति ने अनोखी प्रतिक्रिया दी, जिसमें उसने पत्नी की खुशी को प्राथमिकता दी। पति ने कहा कि वह राजा रघुवंशी बनने से बच गया और अब तीनों खुश हैं। यह मामला पुलिस थाने में आपसी सहमति से सुलझा लिया गया, जहां दुल्हन ने अपने पति के साथ रहने से इनकार कर दिया। जानिए इस अनोखी कहानी के बारे में और क्या हुआ आगे।
 

बदायूं में अनोखी शादी की कहानी

उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले से एक दिलचस्प घटना सामने आई है, जहां एक नवविवाहिता ने शादी के कुछ ही दिनों बाद अपने प्रेमी के साथ भागने का फैसला किया। इस मामले में पति ने पत्नी की खुशी को प्राथमिकता देते हुए उसकी पसंद को स्वीकार कर लिया। उसने कहा, 'अच्छा हुआ, मैं राजा रघुवंशी बनने से बच गया। अब तीनों खुश हैं—मेरी पत्नी को प्यार मिल गया और मेरी ज़िंदगी बर्बाद होने से बच गई।'


नवविवाहिता का मायके से भागना

17 मई को खुशबू नाम की युवती की शादी सुनील से हुई थी। शादी के बाद वह ससुराल में नौ दिन बिताने के बाद अपने मायके लौट गई और वहीं से अपने प्रेमी के साथ फरार हो गई। जब सुनील ने देखा कि उसकी पत्नी वापस नहीं आई, तो उसने स्थानीय पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने खोजबीन शुरू की, लेकिन खुशबू खुद ही सोमवार को थाने पहुंच गई और अपने प्रेमी के साथ भागने की बात स्वीकार कर ली।


पत्नी का प्रेमी के साथ रहने का इरादा

खुशबू ने पुलिस स्टेशन में स्पष्ट किया कि वह अपने प्रेमी के साथ रहना चाहती है। इस पर पति सुनील ने चौंकाने वाला रुख अपनाते हुए उसकी बात मान ली। उसने कहा, 'मैंने उसके लिए नैनीताल हनीमून ट्रिप भी प्लान किया था, लेकिन अगर वह अपने प्रेमी के साथ खुश है, तो मुझे भी खुशी है।'


आपसी सहमति से मामला सुलझा

पुलिस थाने में दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से मामला सुलझा लिया। दुल्हन के परिवार ने शादी में दिए गए आभूषण और अन्य सामान लौटाए। दोनों परिवारों ने किसी भी कानूनी कार्रवाई से इनकार कर दिया। स्टेशन हाउस ऑफिसर हरेंद्र सिंह ने बताया कि दुल्हन ने पति के साथ रहने से साफ इनकार कर दिया और प्रेमी के साथ जाने की जिद की। सब कुछ दस्तावेजों में दर्ज कर लिया गया है।


शांतिपूर्ण समाधान

पुलिस ने बताया कि यह मामला पूरी तरह से आपसी समझौते के तहत सुलझा लिया गया है और किसी भी पक्ष ने कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की। इस प्रकार, दोनों पक्षों को राहत मिली और मामला शांतिपूर्ण तरीके से हल हुआ।