शिवानी वर्मा हत्या मामले में पुलिस ने किया बड़ा खुलासा
अररिया में शिक्षिका की हत्या का मामला
अररिया: नरपतगंज में शिक्षिका शिवानी कुमारी वर्मा की हत्या के मामले में पुलिस ने महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। यह मामला एक गंभीर हत्या का है, जो गलत पहचान और गलतफहमी के कारण हुआ। पुलिस ने इस मामले में तीन संदिग्धों को गिरफ्तार किया है, जिनमें मुख्य आरोपी महिला हुस्न आरा और दो सुपारी किलर मो. मारूफ और मो. सोहेल शामिल हैं।
पुलिस के अनुसार, यह हत्या एक 'टारगेट मिस' का मामला है, जिसमें असली निशाने की जगह गलती से शिवानी की जान ले ली गई। जांच में यह सामने आया कि हुस्न आरा को शक था कि उसके पति मो. साकिर का स्कूल की एक अन्य महिला शिक्षिका के साथ अवैध संबंध है। इसी संदेह में उसने राजा और छोटू के साथ मिलकर उस महिला शिक्षिका को खत्म करने की योजना बनाई।
हत्या की योजना का विवरण
कैसे हुई हत्या?
योजना को अंजाम देने के लिए हुस्न आरा ने 3 लाख रुपये में सुपारी दिलवाई। सुपारी किलर मारूफ और सोहेल को लक्षित महिला शिक्षिका की पहचान, स्कूटी और आने-जाने के रास्ते की जानकारी दी गई थी। घटना के दिन लक्षित महिला शिक्षिका छुट्टी पर थी, जबकि शिवानी वर्मा और वह महिला दोनों एक ही रास्ते से चलती थीं और लगभग एक जैसी स्कूटी का उपयोग करती थीं। इसी कारण सुपारी किलरों ने शिवानी को ही निशाना बना लिया।
पुलिस की कार्रवाई
एसपी अंजनी कुमार का बयान
3 दिसंबर को सुबह लगभग 8:30 बजे, जब शिवानी अपनी स्कूटी से स्कूल जा रही थीं, तब कन्हैली शिव मंदिर के पास सोहेल ने उन्हें रोका और पीछे से गर्दन में गोली मार दी। गोली लगने से शिवानी की मौके पर ही मौत हो गई। एसपी अंजनी कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मामले का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि घटना के बाद आरोपी फरार हो गए थे, लेकिन एसआईटी ने सीसीटीवी फुटेज, तकनीकी जांच और सूचना संकलन के आधार पर उनकी पहचान की।
बरामदगी और आगे की जांच
क्या-क्या हुआ बरामद?
गिरफ्तार आरोपियों से एक देसी कट्टा, घटना में इस्तेमाल की गई बाइक, कपड़े और जूते बरामद किए गए हैं। पुलिस ने बताया कि अन्य फरार आरोपियों की तलाश जारी है। एसपी ने फारबिसगंज के एक पूर्व मुखिया की संदिग्ध भूमिका पर भी शक जताया है, जो सुपारी किलरों को संरक्षण देने के आरोप में जांच के दायरे में है।