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संसद के मानसून सत्र में विपक्ष का हंगामा, कार्यवाही बार-बार स्थगित

संसद के मानसून सत्र के पहले दिन, लोकसभा में विपक्ष के हंगामे के कारण कार्यवाही को बार-बार स्थगित करना पड़ा। विपक्ष ने कई मुद्दों पर चर्चा की मांग की, जिसमें पहलगाम आतंकी हमला और बिहार में मतदाता सूची का पुनरीक्षण शामिल था। सदन में शोर-शराबे के बीच, अध्यक्ष ने सदन को चलाने की अपील की, लेकिन हंगामा जारी रहा। जानें इस घटनाक्रम के बारे में और क्या हुआ सदन में।
 

संसद में हंगामे का माहौल

नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र के पहले दिन, सोमवार को, लोकसभा में विपक्ष के जोरदार हंगामे के कारण कार्यवाही को तीन बार स्थगित करना पड़ा। अंततः, इसे पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। विपक्ष ने पहलगाम आतंकी हमले, बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और अन्य मुद्दों पर चर्चा की मांग की, जिसके चलते सदन में नारेबाज़ी की गई।


कार्यवाही का स्थगन

शोर-शराबे के बीच, कार्यवाही को पहले दोपहर 12 बजे, फिर 2 बजे और अंततः 4 बजे तक स्थगित करना पड़ा। जब कार्यवाही फिर से शुरू हुई, तो पीठासीन सभापति दिलीप सैकिया ने विपक्षी सदस्यों से सदन को चलने देने की अपील की। उन्होंने कहा, “आपने सुबह से सदन को नहीं चलने दिया है, कृपया अपने स्थान पर जाएं।”


महत्वपूर्ण विधेयक पर चर्चा

सभापति ने दिन की कार्यसूची में शामिल ‘गोवा राज्य विधानसभा के निर्वाचन क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का समायोजन विधेयक, 2024’ का उल्लेख किया, जो गोवा की जनजातियों के अधिकारों से संबंधित एक महत्वपूर्ण विषय है। हंगामा जारी रहने पर, उन्होंने कार्यवाही को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया।


श्रद्धांजलि और चर्चा का प्रयास

सुबह की बैठक में, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने दिवंगत पूर्व सदस्यों, पहलगाम हमले, अहमदाबाद विमान हादसे और देशभर में आई प्राकृतिक आपदाओं में जान गंवाने वालों के लिए श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी सदन में उपस्थित थे।


अंतरिक्ष विषय पर चर्चा

अध्यक्ष ने अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला के सफल मिशन का भी उल्लेख किया और अंतरिक्ष विषय पर विशेष चर्चा की घोषणा की। लेकिन जैसे ही प्रश्नकाल शुरू हुआ, विपक्षी सदस्य नारेबाज़ी करते हुए आसन के पास पहुंच गए। बिड़ला ने बार-बार अपील की कि प्रश्नकाल के बाद सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन हंगामा जारी रहा।


सरकार की ओर से आश्वासन

राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा और रक्षा खडसे ने कुछ प्रश्नों के उत्तर दिए, लेकिन आसन ने चेतावनी दी कि नारेबाज़ी सदन के भीतर उचित नहीं है और यदि ऐसा करना है तो बाहर जाएं। पीठासीन सभापति जगदंबिका पाल ने कहा कि कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में चर्चा के विषयों पर सर्वसम्मति बनाई जाएगी और सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है।


कांग्रेस की मांग

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आश्वासन दिया, “सदन में रक्षा से जुड़े किसी भी मुद्दे पर, जितनी लंबी चर्चा चाहिए, हम तैयार हैं।” संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने भी बीएसी बैठक के माध्यम से विपक्ष की मांगों पर चर्चा का भरोसा दिलाया। इस बीच, कांग्रेस सदस्य राहुल गांधी को बोलने की अनुमति की मांग करते रहे। पाल ने कहा कि जिन विषयों पर सहमति बनेगी, विपक्ष को बोलने का मौका अवश्य मिलेगा।