संसद में पायलट संगठनों द्वारा सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
संसद की समिति में पायलटों का आरोप
यह एक अनोखी स्थिति है जब कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के बजाय, एक अराजनीतिक संगठन ने सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। यह आरोप संसद की एक समिति के सामने पेश किए गए हैं, जिसकी अध्यक्षता भाजपा की सहयोगी जनता दल यू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा कर रहे हैं। आरोप लगाने वाले एयरलाइंस पायलट्स एसोसिएशन इंडिया, इंडियन पायलट्स गिल्ड और फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स के अधिकारी हैं।
संसद की परिवहन, पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय की समिति ने नागरिक विमानन मंत्रालय, डीजीसीए, विमानन कंपनियों और पायलट संगठनों के प्रतिनिधियों को इंडिगो संकट पर चर्चा के लिए आमंत्रित किया था।
इस बैठक में पायलट संगठनों ने संजय झा की समिति के समक्ष भ्रष्टाचार की गंभीर शिकायतें कीं। उन्होंने बताया कि नागरिक विमानन मंत्रालय और डीजीसीए में व्यापक भ्रष्टाचार फैला हुआ है। एयरलाइंस पायलट एसोसिएशन इंडिया के अध्यक्ष सैम थॉमस ने समिति के सामने कहा कि मंत्रालय और डीजीसीए में हर स्तर पर भ्रष्टाचार मौजूद है। इसके बाद समिति ने सबूत पेश करने के लिए कहा।
भ्रष्टाचार के आरोप तब सामने आए जब इंडिगो को सर्दियों में 10 प्रतिशत अतिरिक्त उड़ानों की अनुमति देने का मामला आया। अब यह सवाल उठता है कि यदि किसी विपक्षी पार्टी की सरकार पर ऐसे आरोप लगे होते, तो क्या आरोप लगाने वालों से सबूत मांगे जाते या सीबीआई और ईडी जैसी एजेंसियों की जांच शुरू होती? क्या सरकार को नागरिक विमानन मंत्रालय और डीजीसीए पर लगे आरोपों की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच नहीं करानी चाहिए?