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सिख समुदाय में शोक: भाई राम सिंह का निधन

भाई राम सिंह, जो शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के वरिष्ठ सदस्य थे, का निधन 74 वर्ष की आयु में हुआ। वे हड्डियों के कैंसर से पीड़ित थे और उनका इलाज चल रहा था। उनके निधन से सिख समुदाय में शोक की लहर दौड़ गई है। परिवार के सदस्यों के अनुसार, अंतिम संस्कार की प्रक्रिया उनके बच्चों के लौटने के बाद की जाएगी। भाई राम सिंह ने अपने जीवन को सिख समुदाय की उन्नति के लिए समर्पित किया और उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।
 

भाई राम सिंह का निधन

अमृतसर: शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के एक प्रमुख सदस्य और सिख पंथ के प्रति समर्पित व्यक्तित्व, भाई राम सिंह का शनिवार रात निधन हो गया। उनकी उम्र 74 वर्ष थी। पिछले कुछ समय से स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे भाई राम सिंह हड्डियों के कैंसर से ग्रसित थे और उनका उपचार श्री गुरु रामदास चैरिटेबल अस्पताल में चल रहा था। उनके निधन की सूचना से सिख समुदाय में शोक की लहर फैल गई है।


परिवार के सदस्यों के अनुसार, भाई राम सिंह के बच्चे विदेश में निवास करते हैं और अंतिम संस्कार की प्रक्रिया उनके लौटने के बाद ही संपन्न होगी।


श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार, ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज ने भाई राम सिंह के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भाई राम सिंह ने अपने जीवन को सिख समुदाय की उन्नति के लिए समर्पित किया और हमेशा पंथ के हितों को प्राथमिकता दी। उनकी सेवाओं और निष्ठा को सिख समुदाय हमेशा याद रखेगा।


एसजीपीसी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने भी शोक व्यक्त करते हुए कहा कि भाई राम सिंह एक दयालु और नेकदिल व्यक्ति थे, जिन्होंने हमेशा धर्म और पंथ के मुद्दों को प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा, "भाई राम सिंह ने लंबे समय तक एसजीपीसी के सदस्य के रूप में महत्वपूर्ण सेवाएं दीं और धर्म के प्रचार में महत्वपूर्ण योगदान किया। उनका जाना न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरी शिरोमणि कमेटी और सिख समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है।"


इसके अलावा, एसजीपीसी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सरदार रघुजीत सिंह विर्क, कनिष्ठ उपाध्यक्ष सरदार बलदेव सिंह कल्याण और महासचिव सरदार शेर सिंह मंडवाला ने भी भाई राम सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएं प्रकट की हैं।