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सुप्रीम कोर्ट का आदेश: सजा पूरी करने के बाद दोषियों को तुरंत रिहा करें

उच्चतम न्यायालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि यदि कोई दोषी व्यक्ति अपनी सजा की अवधि पूरी कर चुका है और किसी अन्य मामले में वांछित नहीं है, तो उसे तुरंत रिहा किया जाना चाहिए। यह आदेश विशेष रूप से 2002 के नीतीश कटारा हत्या मामले के दोषी सुखदेव यादव के संदर्भ में दिया गया है। जानें इस महत्वपूर्ण आदेश के पीछे की वजह और इसके प्रभाव।
 

सुप्रीम कोर्ट का निर्देश

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि यदि कोई दोषी व्यक्ति अपनी सजा की अवधि पूरी कर चुका है और किसी अन्य मामले में वांछित नहीं है, तो उसे तुरंत रिहा किया जाना चाहिए।


न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने 2002 के नीतीश कटारा हत्या मामले के दोषी सुखदेव यादव, जिसे पहलवान के नाम से भी जाना जाता है, को रिहा करने का आदेश दिया। अदालत ने बताया कि यादव ने इस वर्ष मार्च में बिना किसी छूट के 20 साल की सजा पूरी कर ली है।


पीठ ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के गृह सचिवों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि कोई भी दोषी व्यक्ति निर्धारित सजा की अवधि से अधिक समय तक जेल में न रहे। यदि कोई दोषी व्यक्ति किसी अन्य मामले में वांछित नहीं है और वह निर्धारित अवधि से अधिक समय तक जेल में है, तो उसे आवश्यक कानूनी प्रक्रिया के बाद शीघ्र रिहा किया जाना चाहिए।


पीठ ने यह भी कहा कि इस आदेश को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव को भेजा जाए, ताकि राज्यों के जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों को इस बारे में सूचित किया जा सके।