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सुप्रीम कोर्ट ने EVM विवाद में मोहित कुमार को सरपंच घोषित किया

हरियाणा के बुआना लाखू गांव में EVM मशीनों के विवाद के चलते सुप्रीम कोर्ट ने मोहित कुमार को सरपंच घोषित किया है। यह फैसला ग्राम पंचायत चुनावों में न्यायिक हस्तक्षेप का एक नया अध्याय है। मोहित ने पहले चुनावी ट्रिब्यूनल और उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, लेकिन अंततः सर्वोच्च न्यायालय में उनकी जीत हुई। जानें इस ऐतिहासिक फैसले की पूरी कहानी और इसके पीछे की प्रक्रिया।
 

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला


नई दिल्ली। हरियाणा के बुआना लाखू गांव के सरपंच पद के उम्मीदवार मोहित कुमार का यह संदेह कि EVM मशीनों ने सही परिणाम नहीं दिए, अब सुप्रीम कोर्ट के 11 अगस्त के फैसले से सही साबित हुआ है। लगभग तीन साल पहले पानीपत में हुए सरपंच चुनाव के परिणाम को सर्वोच्च न्यायालय की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने पलट दिया है। इस निर्णय ने ग्राम पंचायत चुनावों को सीधे सुप्रीम कोर्ट के दायरे में ला दिया है, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया में एक नया अध्याय जोड़ता है।


मोहित कुमार की सरपंची की चाह ने चुनावी और न्यायिक प्रक्रियाओं की गहराई को उजागर किया। 2 नवंबर 2022 को कुलदीप सिंह को विजेता घोषित किया गया था, लेकिन मोहित को इस परिणाम पर संदेह था। उन्होंने पहले पानीपत के अतिरिक्त सिविल जज और चुनाव ट्रिब्यूनल का दरवाजा खटखटाया, जहां पुनर्गणना का आदेश मिला। हालांकि, उच्च न्यायालय ने इस आदेश को रद्द कर दिया।


मोहित ने हार नहीं मानी और सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। 6 अगस्त 2025 को EVM मशीनें अदालत में पेश की गईं, जैसे किसी महत्वपूर्ण सबूत को प्रस्तुत किया जाता है। अदालत ने पुनर्गणना का आदेश दिया, जिसमें वीडियो रिकॉर्डिंग भी शामिल थी।


सुप्रीम कोर्ट में EVM की पुनर्गणना के बाद, मोहित कुमार को 51 वोटों से विजयी घोषित किया गया। पहले विजेता कुलदीप सिंह ने पुनर्गणना के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील की थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मोहित को जीत दिलाई।


11 अगस्त को न्यायमूर्ति सूर्यकांत, दीपांकर दत्ता और एनके सिंह की पीठ ने मोहित को विजयी घोषित किया और जिला प्रशासन को दो दिन में शपथ दिलाने का आदेश दिया। मतगणना में कुल 3,767 वोट गिने गए, जिसमें मोहित को 1,051 और कुलदीप को 1,000 वोट मिले।


सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रक्रिया को पारदर्शी बताते हुए मोहित कुमार को दो दिन के भीतर निर्वाचित घोषित करने का आदेश दिया। यह मामला अपने आप में अनूठा है, और गुरुवार को पानीपत जिले के इसराना बीडीओ कार्यालय में मोहित को सरपंच पद की शपथ दिलाई जाएगी।