सुप्रीम कोर्ट ने NEET UG 2025 के परिणामों पर रोक लगाने की याचिका को किया खारिज
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय
सुप्रीम कोर्ट ने NEET UG 2025 के संशोधित परिणाम और काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक लगाने की याचिका को गुरुवार को खारिज कर दिया। यह याचिका छात्र शिवम गांधी रैना द्वारा दायर की गई थी, जिसमें परीक्षा में पूछे गए तीन प्रश्नों के उत्तरों पर आपत्ति उठाई गई थी। कोर्ट ने इस मामले को व्यक्तिगत और सीमित मानते हुए हस्तक्षेप करने से मना कर दिया।
याचिकाकर्ता का तर्क
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि NTA (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) द्वारा जारी की गई अंतिम उत्तर कुंजी में तीन प्रश्नों के उत्तर गलत थे। विशेष रूप से प्रश्न संख्या 136 (कोड 47) पर ध्यान केंद्रित करते हुए, वकील ने बताया कि छात्र ने सही उत्तर दिया था, लेकिन उत्तर कुंजी में गलती के कारण उसे अंक नहीं मिले। उन्होंने यह भी कहा कि यह केवल एक व्यक्तिगत मामला नहीं है, बल्कि हजारों छात्रों के भविष्य से जुड़ा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।
कोर्ट की टिप्पणी
बेंच ने कहा- "अन्य उत्तर सही थे"
सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने स्पष्ट किया कि इस तरह के मुद्दों पर पहले भी याचिकाएं आई थीं जिन्हें खारिज किया गया था। न्यायमूर्ति नरसिम्हा ने कहा, “आप सैद्धांतिक रूप से सही हो सकते हैं कि एक प्रश्न के एक से अधिक सही उत्तर हो सकते हैं, लेकिन अन्य उत्तर तो सही थे।”
विशेषज्ञ समिति गठित करने से इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने समिति गठित करने से भी किया इनकार
याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट से अनुरोध किया कि परीक्षा में गड़बड़ी की जांच के लिए एक विशेषज्ञ समिति बनाई जाए। उन्होंने तर्क दिया कि 2024 में भी कोर्ट ने IIT दिल्ली से विशेषज्ञ राय लेकर संशोधित परिणाम जारी करने का निर्देश दिया था। लेकिन इस बार पीठ ने स्पष्ट किया कि वह राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा में व्यक्तिगत आपत्तियों के आधार पर हस्तक्षेप नहीं कर सकती।
कोर्ट का अंतिम निर्णय
"व्यक्तिगत परीक्षा से कोर्ट नहीं निपट सकता"
कोर्ट ने कहा कि यदि इस प्रकार की याचिकाएं स्वीकार की जाती हैं, तो देशभर में NEET जैसी महत्वपूर्ण परीक्षाएं अनिश्चितता की स्थिति में आ जाएंगी। अंत में, कोर्ट ने याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा, “हम हर व्यक्तिगत परीक्षा की समीक्षा नहीं कर सकते।”