सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के मामलों पर सुनवाई की तारीख तय की
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
आवारा कुत्तों से प्रभावित लोगों की समस्याओं पर सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि यदि संबंधित आदेशों का पालन नहीं किया गया, तो मुख्य सचिवों को फिर से अदालत में उपस्थित होना होगा। हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि अब मुख्य सचिवों की व्यक्तिगत उपस्थिति आवश्यक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने उन व्यक्तियों की सुनवाई करने का निर्णय लिया है जिन्हें कुत्तों ने काटा है, और उन्हें 7 नवंबर को पेश होने का निर्देश दिया है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि अधिकांश राज्यों ने अनुपालन के हलफनामे प्रस्तुत कर दिए हैं। कोर्ट ने केरल के मुख्य सचिव द्वारा दायर छूट के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है, यह ध्यान में रखते हुए कि प्रमुख सचिव अदालत में उपस्थित हैं।
इसके अतिरिक्त, भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड को इस मामले में पक्षकार बनने के लिए कहा गया है। सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश से यह भी पूछा कि पिछली सुनवाई में अनुपालन हलफानामा क्यों नहीं प्रस्तुत किया गया। पिछली सुनवाई में, कोर्ट ने पश्चिम बंगाल और तेलंगाना को छोड़कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को उपस्थित रहने का निर्देश दिया था।
जस्टिस विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति एन वी अंजारिया की विशेष पीठ को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि अधिकांश राज्यों ने अपने अनुपालन हलफनामे दाखिल कर दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 27 अक्टूबर को मामले की सुनवाई करते हुए पश्चिम बंगाल और तेलंगाना को छोड़कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को तीन नवंबर को उपस्थित होकर यह बताने का निर्देश दिया था कि अदालत के 22 अगस्त के आदेश के बावजूद अनुपालन हलफनामे क्यों नहीं दायर किए गए।