सुप्रीम कोर्ट में हरचरण सिंह भुल्लर को बड़ा झटका, याचिका वापस लेनी पड़ी
हरचरण सिंह भुल्लर की कानूनी परेशानियाँ जारी
चंडीगढ़: पंजाब पुलिस के निलंबित डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर की कानूनी समस्याएँ बढ़ती जा रही हैं। रिश्वतखोरी और बड़ी मात्रा में नकदी बरामदगी के मामले में फंसे भुल्लर को अब सुप्रीम कोर्ट से एक बड़ा झटका लगा है। उन्होंने अपनी एफआईआर रद्द कराने की उम्मीद में सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी और याचिका वापस लेनी पड़ी। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि चूंकि उनका मामला पहले से ही उच्च न्यायालय में लंबित है, इसलिए वे सीधे यहाँ राहत की उम्मीद नहीं कर सकते। इस तकनीकी आधार पर सुनवाई करने से इनकार करते हुए, भुल्लर के वकील एस.पी.एस. भुल्लर ने याचिका वापस ले ली।
इस मामले की पृष्ठभूमि गंभीर है। भुल्लर को मंडी गोबिंदगढ़ के एक स्क्रैप व्यापारी से जुड़े रिश्वत कांड में सीबीआई ने मोहाली से गिरफ्तार किया था। उस समय की गई छापेमारी में सीबीआई ने उनके पास से लगभग साढ़े 7 करोड़ रुपये नकद, बड़ी मात्रा में सोना और विदेशी शराब बरामद की थी। इस भारी बरामदगी ने पुलिस विभाग में हड़कंप मचा दिया था। भुल्लर ने पहले पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में राहत पाने की कोशिश की थी, लेकिन याचिका खारिज होने के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।
भुल्लर ने अपनी दलीलों में सीबीआई के अधिकार क्षेत्र को चुनौती दी थी। उनका कहना था कि सीबीआई ने मोहाली (पंजाब) में कार्रवाई की, जबकि इसके लिए उन्हें पंजाब सरकार से पूर्व अनुमति लेनी चाहिए थी। हालांकि, हाईकोर्ट ने उनकी इस दलील को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि बरामदगी चंडीगढ़ (केंद्र शासित प्रदेश) से हुई है, इसलिए सीबीआई की कार्रवाई पूरी तरह से वैध है और किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं थी। अब सुप्रीम कोर्ट से याचिका वापस लेने के बाद भुल्लर को अपनी कानूनी लड़ाई हाईकोर्ट में ही जारी रखनी होगी, जहाँ उनकी एफआईआर रद्द करने की मांग पहले से ही कमजोर पड़ती दिख रही है।