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सेबी की कार्रवाई: गैर-पंजीकृत इन्फ्लुएंसर्स पर कड़ी नजर

सेबी के अध्यक्ष तुहिन कांत पांडे ने बताया कि उनकी टीम गैर-पंजीकृत इन्फ्लुएंसर्स की पहचान करती है और उल्लंघन की स्थिति में कार्रवाई करती है। प्रमुख डिजिटल प्लेटफार्मों के सहयोग से, सेबी ने वित्तीय पारदर्शिता को बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं। यह प्रक्रिया हर तीन महीने में समीक्षा की जाती है, जिससे निवेशकों को सही जानकारी मिल सके। आगे भी सेबी ऐसे इन्फ्लुएंसर्स पर निगरानी रखेगा।
 

सेबी की जांच प्रक्रिया

सेबी के अध्यक्ष तुहिन कांत पांडे ने मुंबई में जानकारी दी कि उनकी टीम उन इन्फ्लुएंसर्स की पहचान करती है जो सेबी के साथ पंजीकृत नहीं हैं। यदि कोई शिकायत प्राप्त होती है, तो पूरी जांच की जाती है। यदि यह पाया जाता है कि ये इन्फ्लुएंसर्स जनता को गलत जानकारी दे रहे हैं या सेबी के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, तो मामला तुरंत संबंधित प्लेटफार्मों को भेजा जाता है।


डिजिटल प्लेटफार्मों की कार्रवाई


इसके बाद, प्रमुख डिजिटल प्लेटफार्म जैसे गूगल, मेटा, एक्स और टेलीग्राम उल्लंघन करने वाले कंटेंट या प्रोफाइल को हटाने के लिए कार्रवाई करते हैं। सेबी अध्यक्ष ने बताया कि इस प्रक्रिया के तहत हर तीन महीने में उत्तर का संकलन और विश्लेषण किया जाता है। आने वाले डेटा सेट के साथ टीम इसकी गहन समीक्षा करेगी और आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।


भविष्य की योजनाएं

उन्होंने यह भी बताया कि पिछले आंकड़ों के विश्लेषण से यह स्पष्ट हुआ है कि ऐसे उल्लंघनों में कमी आई है। तुहिन कांत पांडे ने कहा कि सेबी लगातार यह सुनिश्चित कर रहा है कि निवेशकों को सही और पारदर्शी जानकारी मिले। डिजिटल प्लेटफार्मों और सेबी के सहयोग से यह प्रयास और प्रभावी हो रहा है।


आने वाले समय में, सेबी नियमों का उल्लंघन करने वाले गैर-पंजीकृत इन्फ्लुएंसर्स पर सतत निगरानी रखेगा और उन्हें प्लेटफार्मों से हटाने के लिए आवश्यक कार्रवाई करता रहेगा। यह कदम वित्तीय पारदर्शिता और निवेशकों के विश्वास को मजबूत करने में महत्वपूर्ण है।