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सोनभद्र में प्रेम-प्रसंग ने मचाई हलचल, विवादित शादी का मामला

सोनभद्र के विंढमगंज में एक प्रेम विवाह ने विवाद खड़ा कर दिया है। संजय पासवान और ललिता देवी की शादी ने उनके पूर्व जीवनसाथियों के लिए मुश्किलें पैदा कर दी हैं। महेंद्र पासवान, ललिता के पति, अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं। इस मामले ने समाज में हंगामा मचाया है, जिसके चलते महापंचायत का आयोजन किया गया। जानें इस दिलचस्प कहानी के सभी पहलुओं के बारे में।
 

सोनभद्र में प्रेम कहानी का विवाद

सोनभद्र के विंढमगंज क्षेत्र के धरती डोलवा गांव में एक प्रेम कहानी ने पूरे इलाके में हलचल मचा दी है। संजय पासवान, जो पहले से शादीशुदा और चार बच्चों के पिता हैं, ने पड़ोसी गांव की ललिता देवी से मंदिर में विवाह कर लिया। ललिता भी पहले से विवाहित हैं और उनके चार बच्चे हैं। दोनों के जीवनसाथी इस रिश्ते का विरोध कर रहे थे। थाने में शिकायत के बावजूद, संजय और ललिता ने अपने फैसले पर अडिग रहते हुए मंदिर में शादी कर ली। इस विवाह का वीडियो वायरल होने के बाद गांव में हंगामा खड़ा हो गया।


महेंद्र पासवान की दुखद कहानी

ललिता देवी के पति महेंद्र पासवान की स्थिति बेहद खराब है। उन्होंने बताया कि उनकी शादी ललिता से 20 साल पहले हुई थी और उनके चार बच्चे हैं। ललिता एक बेटी को अपने साथ ले गई, जबकि तीन बच्चे महेंद्र के पास रह गए हैं। महेंद्र ने कहा, “मैंने उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन वह नहीं मानी। अब मेरे बच्चों का क्या होगा? मेरी पूरी दुनिया बर्बाद हो गई है।” उनकी आवाज में चिंता और दुख साफ झलक रहा था।


संजय पासवान का विवादित अतीत

संजय पासवान का नाम पहले भी विवादों में रहा है। उनकी पहली शादी 20 साल पहले झारखंड की शांति देवी से हुई थी, जिसे उन्होंने कुछ सालों बाद छोड़ दिया। दूसरी शादी मनीषा देवी से हुई, जिससे चार बच्चे हुए, लेकिन 17 साल बाद उन्होंने उसे भी छोड़ दिया। अब उन्होंने ललिता देवी से विवाह कर लिया है।


मनीषा देवी का दर्द

संजय की दूसरी पत्नी मनीषा देवी इस घटना से पूरी तरह टूट चुकी हैं। उन्होंने कहा, “मेरे बच्चों का क्या कसूर था? मैंने उसकी हर बात मानी। अब मेरे बच्चों का क्या होगा?” मनीषा ने महापंचायत में न्याय की गुहार लगाई और कहा कि संजय ने उनकी जिंदगी बर्बाद कर दी है।


महापंचायत का निर्णय

इस मामले ने इतना तूल पकड़ा कि पासवान समाज ने महापंचायत बुलाई। इस पंचायत में कई गांवों के लोग शामिल हुए और सर्वसम्मति से संजय पासवान का समाज से बहिष्कार करने का निर्णय लिया। पंचों ने कहा कि ऐसे लोगों के लिए समाज में कोई स्थान नहीं है।


पुलिस की असहायता

जब यह विवाद थाने पहुंचा, तो पुलिस ने दोनों पक्षों को बुलाकर समझाने की कोशिश की, लेकिन संजय और ललिता ने स्पष्ट कर दिया कि वे अब अलग नहीं होंगे। पुलिस और परिवार के लाख समझाने के बावजूद, दोनों अपने फैसले पर अड़े रहे।