×

स्पाइसजेट की उड़ान में सुरक्षा को लेकर विवाद, यात्री ने कर्मचारियों पर किया हमला

स्पाइसजेट की उड़ान SG-386 में एक यात्री ने चार कर्मचारियों पर हमला कर दिया, जिससे एयरपोर्ट की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठ गए हैं। यह घटना तब हुई जब यात्री का सामान वजन सीमा से अधिक था और उसने शुल्क देने से इनकार कर दिया। जब सुरक्षा कर्मियों ने हस्तक्षेप किया, तो यात्री ने हिंसा का सहारा लिया। इस हमले में कर्मचारियों को गंभीर चोटें आई हैं, और एक की स्थिति गंभीर बनी हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसी घटनाओं से एयरपोर्ट सुरक्षा प्रोटोकॉल को और सख्त करने की आवश्यकता है।
 

स्पाइसजेट उड़ान में सुरक्षा पर सवाल

स्पाइसजेट की एक उड़ान में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एक गंभीर घटना सामने आई है, जिसमें एक यात्री और एयरलाइन के चार कर्मचारियों के बीच झड़प हुई। यह विवाद तब शुरू हुआ जब सामान के वजन को लेकर टकराव हुआ। रिपोर्ट के अनुसार, श्रीनगर से दिल्ली जा रही फ्लाइट SG-386 के बोर्डिंग गेट पर यह अप्रिय घटना घटी, जिसने एयरपोर्ट पर सुरक्षा और यात्री व्यवहार को लेकर चिंता बढ़ा दी है।


इस घटना की जड़ यह थी कि यात्री के पास मौजूद सामान का वजन सीमा से काफी अधिक था। एयरलाइन स्टाफ ने अतिरिक्त सामान के लिए उचित शुल्क का भुगतान करने के लिए कहा, लेकिन यात्री ने इसका विरोध किया और बिना बोर्डिंग प्रक्रिया पूरी किए एयरोब्रिज में प्रवेश करने का प्रयास किया। जब सुरक्षा कर्मियों ने उसे वापस गेट पर लाने की कोशिश की, तब यात्री का गुस्सा और बढ़ गया और उसने चार कर्मचारियों पर हमला कर दिया।


इस हमले में कर्मचारियों को गंभीर चोटें आई हैं, जिनमें से एक की स्थिति इतनी खराब हो गई कि वह बेहोश हो गया। जब वह कर्मचारी सहायता के लिए झुका, तब भी यात्री ने उसे चोट पहुंचाई। घायल स्टाफ को तुरंत अस्पताल ले जाया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। स्पाइसजेट के एक प्रवक्ता ने बताया कि यात्री एक वरिष्ठ सेना अधिकारी हैं, लेकिन उनकी इस हरकत ने एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था और कर्मचारियों की सुरक्षा को चुनौती दी है।


यह मामला न केवल एयरलाइन कर्मचारियों के लिए एक गंभीर खतरा है, बल्कि पूरे हवाई अड्डे पर यात्रियों और स्टाफ के बीच शांति और सुरक्षा बनाए रखने के महत्व को भी उजागर करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे घटनाक्रम से एयरपोर्ट पर सुरक्षा प्रोटोकॉल को और सख्त करने की आवश्यकता है ताकि कर्मचारियों और यात्रियों दोनों का सुरक्षा तंत्र मजबूत हो सके।