स्पाइसजेट को उपभोक्ता आयोग का बड़ा झटका, गलत टिकट के लिए 25,000 रुपए का मुआवजा
उपभोक्ता आयोग का निर्णय
नई दिल्ली: उपभोक्ता आयोग ने एक वरिष्ठ नागरिक को गलत टिकट जारी करने के मामले में स्पाइसजेट को 25,000 रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया है। मुंबई में जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने यह निर्णय लिया, यह मानते हुए कि गलत टिकट के कारण वरिष्ठ नागरिक को मानसिक तनाव और वित्तीय हानि हुई है।
घटना का विवरण
यह मामला दिसंबर 2020 का है, जब घाटकोपर के एक वरिष्ठ नागरिक ने स्पाइसजेट से मुंबई से दरभंगा के लिए राउंड-ट्रिप टिकट बुक किया था। उनकी यात्रा योजना के अनुसार पहली उड़ान सफल रही, लेकिन खराब मौसम के चलते वापसी की उड़ान रद्द कर दी गई। यात्री ने एयरलाइन को सूचित किया कि उसे 8 दिसंबर को मुंबई में पीएचडी ऑनलाइन परीक्षा में शामिल होना था। इस स्थिति को देखते हुए एयरलाइन ने पटना और कोलकाता होते हुए वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था की।
वापसी की उड़ान में समस्या
हालांकि, यह वैकल्पिक बुकिंग अव्यवस्थित थी। कोलकाता से मुंबई के लिए कनेक्टिंग फ्लाइट, यात्री के पटना से कोलकाता पहुंचने से पहले ही उड़ान भरने वाली थी। इस गलती के कारण वह पटना में फंस गए और उन्हें अपने पैसे से अगले दिन के लिए नया टिकट खरीदना पड़ा। इसके परिणामस्वरूप, उन्हें अपनी महत्वपूर्ण ऑनलाइन परीक्षा भी छोड़नी पड़ी।
उपभोक्ता फोरम में शिकायत
इसके बाद, वरिष्ठ नागरिक ने एयरलाइन पर लापरवाही और सेवा में कमी का आरोप लगाते हुए उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने मानसिक पीड़ा के लिए 2 लाख रुपए और कानूनी खर्च के लिए 25,000 रुपए के साथ 14,577 रुपए की वापसी की मांग की।
स्पाइसजेट का जवाब
स्पाइसजेट ने कहा कि उड़ान रद्द करना खराब मौसम के कारण था, जो उनके नियंत्रण से बाहर था। उन्होंने यह भी बताया कि यात्री को वैकल्पिक उड़ान का टिकट मुफ्त में दिया गया था। उपभोक्ता आयोग ने माना कि उड़ान रद्द करना एयरलाइन की गलती नहीं थी, लेकिन गलत टिकट जारी करना लापरवाही थी।
आयोग का अंतिम आदेश
आयोग ने यह भी टिप्पणी की कि यदि टिकट की सावधानीपूर्वक जांच की जाती, तो यात्री को आगे की परेशानी से बचाया जा सकता था। अंततः, 17 जून को पारित अपने आदेश में आयोग ने स्पाइसजेट को मानसिक पीड़ा के लिए 25,000 रुपए और मुकदमे के खर्च के लिए 5,000 रुपए देने का निर्देश दिया।