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स्वतंत्रता दिवस 2025: राष्ट्रपति मुर्मु का विशेष संबोधन और प्रधानमंत्री का भाषण

स्वतंत्रता दिवस 2025 की पूर्व संध्या पर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का विशेष संबोधन होगा, जो विभिन्न भाषाओं में प्रसारित किया जाएगा। इसके बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले से अपना पारंपरिक भाषण देंगे। इस दिन को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में भी मनाया जाएगा, जिसमें इतिहास की दुखद घटनाओं को याद किया जाएगा। जानें इस महत्वपूर्ण दिन की सभी जानकारी।
 

स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति का संबोधन

Independence Day 2025: स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु आज राष्ट्र को संबोधित करेंगी। यह महत्वपूर्ण संबोधन 79वें स्वतंत्रता दिवस समारोह का एक अभिन्न हिस्सा होगा और इसे देशभर में विभिन्न माध्यमों से प्रसारित किया जाएगा। राष्ट्रपति का संदेश हिंदी और अंग्रेजी के साथ-साथ कई क्षेत्रीय भाषाओं में भी लोगों तक पहुंचेगा।


प्रसारण का समय और माध्यम

राष्ट्रपति का संबोधन आज शाम 7 बजे आकाशवाणी के राष्ट्रीय नेटवर्क और दूरदर्शन के सभी चैनलों पर प्रसारित होगा। पहले हिंदी संस्करण का प्रसारण होगा, उसके बाद अंग्रेजी संस्करण भी दिखाया जाएगा। इसके अतिरिक्त, दूरदर्शन के क्षेत्रीय चैनल अपने-अपने क्षेत्रीय भाषाओं में इस संबोधन को दर्शकों तक पहुंचाएंगे। आकाशवाणी भी अपने क्षेत्रीय नेटवर्क पर रात 9:30 बजे से भाषण का क्षेत्रीय भाषा संस्करण प्रसारित करेगा।


प्रधानमंत्री का भाषण कल

प्रधानमंत्री का भाषण कल सुबह

राष्ट्रपति के संबोधन के अगले दिन, यानी शुक्रवार सुबह, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लाल किले की प्राचीर से अपना पारंपरिक स्वतंत्रता दिवस भाषण देंगे। यह भाषण देशभर में सीधा प्रसारित किया जाएगा, जिसमें वह पिछले वर्ष की उपलब्धियों, भविष्य की योजनाओं और देश की दिशा पर अपने विचार साझा करेंगे।

प्रधानमंत्री के आगमन पर उनका स्वागत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ और रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह करेंगे। इसके बाद, वे थलसेना, नौसेना, वायुसेना और दिल्ली पुलिस के 96 जवानों द्वारा दिए जाने वाले गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण करेंगे, जिसका संचालन इस बार भारतीय वायुसेना कर रही है।


विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस

विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस आज

भारत आज विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मना रहा है, जो 1947 में देश के विभाजन के दौरान लाखों लोगों द्वारा झेली गई पीड़ा और बलिदानों की याद में समर्पित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर कहा कि यह इतिहास का एक अत्यंत दुखद अध्याय है, जब लाखों लोग अपने घर-बार छोड़ने को मजबूर हुए और सांप्रदायिक हिंसा में अनगिनत लोगों की जान गई। उन्होंने कहा कि यह दिन उन लोगों के साहस और जज़्बे को नमन करने का भी है, जिन्होंने अकल्पनीय क्षति के बाद भी नए सिरे से जीवन की शुरुआत की।