हथिनी कुंड बैराज में पानी का स्तर गिरने से जल आपूर्ति और बिजली उत्पादन पर असर
यमुनानगर में जल संकट
यमुनानगर (हथिनी कुंड बैराज): पानी के स्तर में कमी के कारण पनबिजली परियोजनाओं और मैदानी क्षेत्रों में जल आपूर्ति प्रभावित हो रही है। नवाब खान, प्रतापनगर। उत्तर भारत की जल जीवन रेखा माने जाने वाले हथिनी कुंड बैराज पर जल स्तर लगातार घटता जा रहा है।
सोमवार शाम 5 बजे बैराज पर केवल 3427 क्यूसेक पानी दर्ज किया गया, जो सामान्य स्तर से काफी कम है। इस स्थिति ने न केवल दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की जल आपूर्ति पर दबाव बढ़ा दिया है, बल्कि पनबिजली परियोजनाओं के संचालन में भी गंभीर संकट उत्पन्न कर दिया है।
हथिनी कुंड बैराज कार्यालय के अनुसार, पानी में रोजाना उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है, लेकिन गिरावट का यह क्रम चिंताजनक स्तर पर पहुंच गया है। वर्तमान में बारिश का कोई मौसम नहीं है और केवल पहाड़ों की बर्फ के पिघलने से आने वाले सीमित पानी पर यमुना नदी और नहरों की सप्लाई निर्भर है।
बिजली उत्पादन पर प्रभाव
बिजली उत्पादन पर भारी असर
हथिनी कुंड बैराज पर वर्ष भर पानी का प्रवाह पनबिजली उत्पादन को सीधे प्रभावित करता है। सामान्य स्थिति में यहां से बहकर नीचे जाने वाला पानी कई जलविद्युत परियोजनाओं के लिए जीवनरेखा होता है। लेकिन वर्तमान में जब पानी की उपलब्धता 4000-5000 क्यूसेक से भी कम रह गई है, बिजली उत्पादन में भारी गिरावट देखी जा रही है।
हथिनी बैराज के अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल बारिश का मौसम न होने के कारण पूरा तंत्र केवल हिमालयी इलाकों में बर्फ के पिघलने पर निर्भर है। सर्दियों में तापमान गिरने के कारण बर्फ का पिघलना सामान्य से कम होता है, जिससे पानी सीमित मात्रा में यमुना तक पहुंच पाता है।
पानी का स्तर हर घंटे बदलता है
पानी का हर घंटे बदला स्तर
गेज रीडर मनीष कुमार ने बताया कि दिनभर बैराज पर पानी का स्तर लगातार कम-ज्यादा होता रहा। सुबह और रात के समय पहाड़ी इलाकों से बर्फ पिघलने के कारण थोड़ी बढ़ोतरी दर्ज की जाती है, लेकिन दोपहर बाद फिर गिरावट शुरू हो जाती है।
विभाग के अनुसार सुबह 6 बजे 5056 क्यूसेक, 7 बजे 4833 क्यूसेक, 8 बजे 5286 क्यूसेक, 9 बजे 3826 क्यूसेक, 10 बजे 3772 क्यूसेक, 11 बजे 3754 क्यूसेक, 12 बजे 3806 क्यूसेक, 1 बजे 3485 क्यूसेक, 2 बजे 2996 क्यूसेक, 3 बजे 3177 क्यूसेक, 4 बजे 2784 क्यूसेक, 5 बजे 3427 क्यूसेक, यमुना नदी में 352 क्यूसेक, पश्चिमी यमुना नहर (हरियाणा) में 2565 क्यूसेक, उत्तर प्रदेश को 510 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। उपलब्ध पानी की कुल मात्रा बेहद कम है, और उसमें से भी विभिन्न राज्यों व नहरों में आवश्यकतानुसार पानी बांटना एक चुनौती बन चुका है।