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हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में भगदड़ के बाद सुरक्षा उपायों में बदलाव

हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में हाल ही में हुई भगदड़ में 8 लोगों की मौत और 30 से अधिक लोग घायल हुए। इस घटना के बाद, प्रशासन ने सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा शुरू की है। एकतरफा रास्तों की योजना, बिजली व्यवस्था की जांच और अतिक्रमण हटाने की योजना बनाई गई है। प्रशासन का उद्देश्य भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकना और श्रद्धालुओं को सुरक्षित दर्शन का अनुभव प्रदान करना है।
 

मनसा देवी मंदिर में हुई भगदड़ की घटना

हाल ही में हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में हुई भगदड़ में 8 लोगों की जान चली गई और 30 से अधिक लोग घायल हुए। इस घटना के बाद, प्रशासन ने सुरक्षा प्रबंधों की गहन समीक्षा शुरू कर दी है। चूंकि यह मंदिर पहाड़ी पर स्थित है और यहां भीड़ लगना आम बात है, इसलिए जिला प्रशासन और मंदिर समिति ने मंगलवार को एक बैठक आयोजित की, जिसमें भविष्य में भीड़ प्रबंधन योजनाओं पर चर्चा की गई।


भीड़ प्रबंधन के लिए एकतरफा रास्तों का प्रस्ताव

एकतरफा रास्तों की योजना पर विचार


पुलिस अधीक्षक पंकज गैरोला ने बताया कि तीर्थयात्रियों के लिए एकतरफा रास्तों की योजना बनाई जा रही है, जिससे भीड़ की टकराहट से बचा जा सके। विशेष पर्वों के दौरान ज़िग-ज़ैग मार्ग और अलग-अलग प्रवेश-निकास रास्तों की व्यवस्था का प्रस्ताव रखा गया है। इसके साथ ही, श्रद्धालुओं की संख्या को सीमित करने के लिए क्रमबद्ध प्रवेश व्यवस्था लागू करने का भी सुझाव दिया गया है।


बैठक में महंत भवानी शंकर ने पर्वों के दौरान पर्याप्त पुलिस बल की तैनाती की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने चंडी देवी मंदिर तक के पैदल मार्ग की खराब स्थिति पर भी चिंता व्यक्त की। प्रशासन ने मरम्मत कार्यों की शुरुआत का आश्वासन दिया है और तीर्थयात्रियों के लिए शौचालय और विश्राम स्थलों के निर्माण की योजना भी बनाई गई है।


बिजली व्यवस्था और अतिक्रमण पर ध्यान

बिजली व्यवस्था की गहन जांच


मंदिर परिसर में बिजली व्यवस्था की भी गहन जांच शुरू कर दी गई है। अधिकारियों ने अवैध बिजली कनेक्शनों को हटाने के निर्देश दिए हैं ताकि भविष्य में बिजली से संबंधित किसी भी दुर्घटना से बचा जा सके। इसके अलावा, मंदिर के आसपास के अतिक्रमण को हटाने की योजना भी बनाई गई है, जिससे रास्तों को चौड़ा किया जा सके और सुरक्षा में सुधार हो।


रविवार को हुई भगदड़ की वजह उस समय फैली अफवाह थी जिसमें कहा गया कि सीढ़ियों के नीचे करंट फैल गया है। इस अफवाह ने श्रद्धालुओं में घबराहट पैदा कर दी और भगदड़ का कारण बनी। अब प्रशासन मनसा देवी और चंडी देवी मंदिरों में सुरक्षा ऑडिट और भीड़ नियंत्रण उपायों पर तेजी से काम कर रहा है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों और श्रद्धालुओं को सुरक्षित दर्शन का अनुभव मिल सके।