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हरिद्वार में 38 लाख रुपये का लोन घोटाला: फर्जी खरीदारों ने किया बड़ा धोखा

हरिद्वार में एक चौंकाने वाला लोन घोटाला सामने आया है, जिसमें फर्जी खरीदारों और विक्रेताओं ने मिलकर 38.58 लाख रुपये की ठगी की। ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र में SMFG इंडिया होम फाइनेंस कंपनी से जुड़े इस मामले में एक अधिवक्ता समेत छह लोगों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। जानें कैसे हुआ यह घोटाला और पुलिस की जांच में क्या खुलासा हुआ है।
 

हरिद्वार लोन घोटाले का खुलासा

हरिद्वार लोन घोटाला: हरिद्वार में 38 लाख रुपये का लोन घोटाला! फर्जी खरीदारों और विक्रेताओं ने किया धोखा, मामला वायरल!: हरिद्वार: उत्तराखंड के हरिद्वार में एक बड़ा लोन घोटाला सामने आया है, जिसने सबको हैरान कर दिया। ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र में SMFG इंडिया होम फाइनेंस कंपनी से फर्जी खरीदार और विक्रेता बनाकर 38.58 लाख रुपये की रकम हड़पने का मामला उजागर हुआ है।


इस ठगी में एक अधिवक्ता समेत छह लोगों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। यह मामला सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चा में है। आइए, इस सनसनीखेज घोटाले की पूरी कहानी जानते हैं।


घोटाले का विवरण


अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, SMFG इंडिया होम फाइनेंस कंपनी लिमिटेड, जो ज्वालापुर के संत भवन आर्यनगर में स्थित है, के शाखा प्रबंधक हर्षपाल सिंह ने पुलिस को बताया कि बसेड़ी खादर, तहसील लक्सर में एक संपत्ति पहले सुखपाल के नाम थी।


बाद में यह जमीन पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए मच्छला देवी के नाम कर दी गई। 18 जनवरी 2023 को इसकी रजिस्ट्री हुई। मच्छला देवी और रवि कश्यप नाम के व्यक्ति ने मिलकर इस जमीन की खरीद-फरोख्त का नाटक किया। रवि कश्यप ने खुद को खरीदार बताकर कंपनी से 38.58 लाख रुपये का लोन लिया। अधिवक्ता ज्ञानेश्वर ठकराल ने टाइटल रिपोर्ट में दस्तावेजों को सही बताया, जिसके आधार पर कंपनी ने लोन मंजूर कर दिया।


घोटाले की प्रक्रिया


रिपोर्ट के मुताबिक, 28 मई 2025 को कंपनी ने मच्छला देवी के नाम 37.29 लाख रुपये का चेक जारी किया, जो रवि कश्यप की पत्नी पायल को सौंपा गया। 4 जुलाई को मच्छला देवी ने यह जमीन रवि कश्यप को बेच दी। जांच में यह पूरा लेनदेन फर्जी पाया गया।


आरोप है कि अधिवक्ता ने सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में विक्रेता और खरीदार की पहचान की पुष्टि नहीं की और नियमों को ताक पर रखा। इतना ही नहीं, इस फर्जी रजिस्ट्री के बाद जमीन को सेठपाल सैनी नाम के व्यक्ति को बेचने का भी नाटक किया गया।


परविंदर सैनी ने भी इस घोटाले में शामिल होकर 14 लाख रुपये अपने खाते में लिए। पुलिस ने रवि कश्यप, पायल, मच्छला देवी, अधिवक्ता ज्ञानेश्वर ठकराल और अन्य अज्ञात एजेंटों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। ज्वालापुर कोतवाली प्रभारी अमरजीत सिंह ने बताया कि मामले की गहन जांच चल रही है।