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हरिद्वार में बकरीद पर हुई नृशंस हत्या: एक किशोर की कहानी

हरिद्वार में बकरीद के दिन एक किशोर की हत्या ने पूरे मोहल्ले को दहशत में डाल दिया। 17 वर्षीय साहिल की हत्या एक पुरानी रंजिश का परिणाम थी, जो वर्षों से पनप रही थी। जानें इस दिल दहला देने वाली घटना के पीछे की कहानी और उसके कारण।
 

हरिद्वार की गलियों में बकरीद का जश्न

जहाँ बकरीद की सुबह हरिद्वार में नमाज के बाद भाईचारे का माहौल था, वहीं मोहल्ला पठानपुरा की एक संकरी गली में कुछ ही क्षणों में यह माहौल चीखों और खून से लथपथ हो गया। यह केवल एक हत्या नहीं थी, बल्कि वर्षों से पनप रही नफरत का एक भयानक परिणाम था, जिसने पूरे समुदाय को हिला कर रख दिया।


17 वर्षीय साहिल, जो बकरीद की नमाज अदा करके घर लौट रहा था, अपने दोस्तों से मिलने के लिए निकला। सुबह के लगभग 10 बजे थे, बच्चे नए कपड़ों में खेल रहे थे और बुजुर्ग एक-दूसरे को ईद की मुबारकबाद दे रहे थे।


इसी दौरान, एक मोटरसाइकिल पर सवार व्यक्ति गली के मोड़ पर रुका। वह रियासत था, मोहल्ले का एक अधेड़, जिसकी आँखों में केवल साहिल का चेहरा था। जैसे ही साहिल बाहर आया, रियासत ने बिना किसी देरी के चाकू निकाला और साहिल के पेट में वार कर दिया। साहिल चीखते हुए गिर पड़ा और मदद के लिए हाथ बढ़ाया, लेकिन रियासत ने उसके गले पर वार कर दिया, जिससे उसकी आवाज दब गई।


साहिल की निःशब्द देह खून से सनी सड़क पर गिर गई।


हत्या का कारण: पुरानी रंजिश

पुलिस जांच में यह स्पष्ट हुआ कि यह हत्या एक पूर्व की रंजिश का परिणाम थी। पिछले वर्ष बकरीद के अगले दिन, रियासत का नाबालिग बेटा गंगनहर में डूब गया था। उस समय मोहल्ले के तीन किशोर, जिनमें साहिल भी शामिल था, वहां मौजूद थे। स्थानीय लोगों और पुलिस के अनुसार, यह एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना थी।


हालांकि, रियासत के दिल में इस घटना ने गहरा जहर भर दिया था। उसे विश्वास था कि उसके बेटे की मौत में साहिल का हाथ था। उसने इस विश्वास को वर्षों तक अपने भीतर पाला और फिर उसी बकरीद के दिन, जब माफी और मेल की दुआ की जाती है, उसने खून का बदला लेने का निर्णय लिया।


हत्या के बाद, रियासत ने भागने की कोशिश नहीं की। वह सीधे थाने गया और खुद को पुलिस के हवाले कर दिया।