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हरियाणा पुलिस भर्ती में वेटिंग लिस्ट की अनदेखी पर उठे सवाल

हरियाणा पुलिस भर्ती 2024 के तहत वेटिंग लिस्ट की अनदेखी ने उम्मीदवारों के बीच चिंता बढ़ा दी है। लगभग दस महीने पहले घोषित अंतिम परिणाम के बाद भी वेटिंग लिस्ट जारी नहीं की गई है, जबकि 1988 के निर्देशों में इसका स्पष्ट प्रावधान है। उम्मीदवारों का कहना है कि इस देरी से उन्हें आर्थिक और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ रहा है। जानें इस मुद्दे की गंभीरता और उम्मीदवारों की मांग क्या है।
 

हरियाणा पुलिस भर्ती का मामला

हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग ने पुलिस भर्ती विज्ञापन संख्या 06 2024 का अंतिम परिणाम लगभग दस महीने पहले घोषित किया था, लेकिन अब तक वेटिंग लिस्ट जारी नहीं की गई है। यह स्थिति और भी गंभीर हो गई है क्योंकि हरियाणा सरकार के 1988 के निर्देशों में स्पष्ट रूप से 10 प्रतिशत वेटिंग लिस्ट जारी करने का प्रावधान है, जो अब तक लागू नहीं किया गया है।


भर्ती प्रक्रिया की स्थिति

हरियाणा पुलिस भर्ती 2024 के तहत चयनित अभ्यर्थियों की ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है और ज्वाइनिंग प्रक्रिया भी समाप्त हो गई है। इसके बावजूद, प्रतीक्षा सूची का न जारी होना उन उम्मीदवारों के लिए चिंता का विषय है, जिन्होंने कट ऑफ के आसपास अंक प्राप्त किए हैं और चयन की उम्मीद लगाए बैठे हैं।


1988 के निर्देशों का महत्व

उम्मीदवारों का कहना है कि हरियाणा सरकार द्वारा 1988 में जारी भर्ती निर्देशों में यह स्पष्ट किया गया है कि किसी भी सीधी भर्ती में चयनित पदों की संख्या के अनुपात में 10 प्रतिशत वेटिंग लिस्ट प्रकाशित की जानी चाहिए। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि यदि कोई चयनित उम्मीदवार पदभार ग्रहण नहीं करता है, तो योग्य उम्मीदवारों को बिना नई प्रक्रिया के मौका दिया जा सके।


उम्मीदवारों की निरंतर कोशिशें

प्रतीक्षा सूची की घोषणा का इंतजार कर रहे उम्मीदवारों ने अधिकारियों से संपर्क करना शुरू कर दिया था। उन्होंने हरियाणा के मुख्य प्रधान सचिव और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन से भी मुलाकात की है, लेकिन अब तक कोई स्पष्टता नहीं मिली है।


पिछली भर्तियों की तुलना

हरियाणा पुलिस की पिछली भर्तियों में अंतिम परिणाम के साथ या उसके कुछ समय बाद वेटिंग लिस्ट जारी कर दी जाती थी। जानकारों का कहना है कि यह एक नियमित प्रशासनिक प्रक्रिया थी, जिससे रिक्त पदों को समय पर भरा जा सके।


पुलिस बल की आवश्यकता

उम्मीदवारों का कहना है कि पुलिस विभाग में स्टाफ की कमी बनी हुई है और कई पद अब भी रिक्त हैं। इसके बावजूद, वेटिंग लिस्ट जारी नहीं की गई है। एक पूर्व पुलिस अधिकारी के अनुसार, जब विभाग को मानव संसाधन की आवश्यकता हो और योग्य उम्मीदवार उपलब्ध हों, तो वेटिंग लिस्ट का न जारी होना व्यावहारिक नहीं है।


आर्थिक नुकसान का सामना

इस देरी का सबसे बड़ा असर लगभग 857 उम्मीदवारों पर पड़ा है। कई युवाओं ने अन्य सरकारी और निजी अवसर छोड़ दिए हैं, कुछ ने दस्तावेज सत्यापन और तैयारी पर खर्च किया है, और लंबे इंतजार से आर्थिक दबाव और मानसिक तनाव बढ़ा है।


बेरोजगारी की समस्या

हरियाणा पहले से ही बेरोजगारी के मुद्दे पर चर्चा में रहा है। सरकारी भर्तियों में देरी और नियमों के पालन में उठते सवाल युवाओं के भरोसे को कमजोर करते हैं। प्रधानमंत्री द्वारा बिना पर्ची बिना खर्ची भर्तियों की सराहना की गई है, लेकिन उम्मीदवारों का कहना है कि जब वेटिंग लिस्ट जैसे नियम लागू नहीं होते, तो वास्तविकता अलग होती है।


महत्वपूर्ण मुद्दे

यह मामला केवल एक भर्ती तक सीमित नहीं है। भर्ती नियमों के पालन पर सवाल उठते हैं, योग्य युवाओं को सेवा का अवसर नहीं मिल पाता, और पुलिस बल की क्षमता प्रभावित होती है। नीति विशेषज्ञों का मानना है कि यदि पुराने नियमों को नजरअंदाज किया जाएगा, तो भविष्य की भर्तियों पर भी इसका असर पड़ेगा।


उम्मीदवारों की मांग

अभ्यर्थियों की मांग है कि 1988 के निर्देशों के अनुसार हरियाणा पुलिस भर्ती 06 2024 की 10 प्रतिशत वेटिंग लिस्ट तुरंत जारी की जाए। उनका कहना है कि एक स्पष्ट और नियम आधारित निर्णय सैकड़ों युवाओं को राहत देगा और प्रशासनिक पारदर्शिता को मजबूत करेगा।