×

हरियाणा में CET रजिस्ट्रेशन के लिए साइबर ठगों का नया तरीका

हरियाणा में कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) के रजिस्ट्रेशन के दौरान साइबर ठगों ने फर्जी सोशल मीडिया पेज बनाकर युवाओं को ठगने का नया तरीका अपनाया है। HSSC के अध्यक्ष ने चेतावनी दी है कि ठगों ने 50 से अधिक फर्जी पेज बनाए हैं और युवाओं को केवल आधिकारिक वेबसाइट पर भरोसा करने की सलाह दी है। यह घटना युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण चेतावनी है कि वे किसी भी संदिग्ध लिंक पर अपनी जानकारी साझा न करें। जानें इस ठगी से कैसे बचें और क्या कदम उठाए गए हैं।
 

CET रजिस्ट्रेशन में साइबर ठगी का खतरा

CET रजिस्ट्रेशन: हरियाणा में साइबर ठगों का नया जाल: CET के नाम पर फर्जी पेज, रजिस्ट्रेशन तिथि बढ़ाने की अफवाह: हरियाणा में कॉमन एलिजिबिलिटी टेस्ट (CET) के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है, लेकिन साइबर ठगों ने इस अवसर का लाभ उठाने के लिए एक नया तरीका अपनाया है।


आज, 12 जून 2025, रात 12 बजे तक CET रजिस्ट्रेशन का अंतिम दिन है, और 14 जून तक फीस जमा की जा सकती है। इस बीच, ठगों ने फर्जी पोर्टल के बाद अब सोशल मीडिया पर फर्जी पेज बनाकर यह अफवाह फैलाना शुरू कर दिया है कि रजिस्ट्रेशन की तारीख बढ़ा दी गई है। यह सूचना हरियाणा के युवाओं के लिए सतर्कता का संदेश है, ताकि वे ठगी का शिकार न हों। CET रजिस्ट्रेशन


हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) के अध्यक्ष हिम्मत सिंह ने बताया कि ठगों ने लगभग 50 फर्जी सोशल मीडिया पेज बनाए हैं। इन पेजों के खिलाफ FIR दर्ज कर दी गई है।


उन्होंने स्पष्ट किया कि HSSC का सोशल मीडिया पर कोई आधिकारिक पेज नहीं है, और युवाओं को केवल आधिकारिक वेबसाइट पर भरोसा करना चाहिए। साइबर ठगों की यह चाल उन युवाओं को निशाना बना रही है, जो नौकरी की तलाश में CET रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं।


हिम्मत सिंह ने एक अन्य मामले का उल्लेख करते हुए बताया कि एक अभ्यर्थी ने रजिस्ट्रेशन के दौरान बार-बार OTP रिक्वेस्ट की, जिसके कारण सॉफ्टवेयर ने उसे एक घंटे के लिए ब्लॉक कर दिया।


उन्होंने आश्वासन दिया कि CET रजिस्ट्रेशन पोर्टल पूरी तरह से कार्यशील है और अभ्यर्थियों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। युवाओं से अपील की गई है कि वे फर्जी पेजों और अफवाहों से सावधान रहें और केवल HSSC की आधिकारिक वेबसाइट से जानकारी प्राप्त करें।


यह घटना हरियाणा के युवाओं के लिए एक चेतावनी है। साइबर ठगी से बचने के लिए हमेशा आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करें और किसी भी संदिग्ध लिंक या पेज पर अपनी निजी जानकारी साझा न करें। HSSC की त्वरित कार्रवाई और FIR इस मामले में ठोस कदम हैं, लेकिन युवाओं की सतर्कता ही इस ठगी को पूरी तरह रोक सकती है।