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हरियाणा में कचरे से हरित कोयला बनाने की योजना से बदलेगा फरीदाबाद-गुरुग्राम का चेहरा

हरियाणा में फरीदाबाद और गुरुग्राम में कचरे को हरित कोयले में बदलने की योजना को मंजूरी मिल गई है। यह परियोजना न केवल कचरा प्रबंधन में सुधार करेगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा उत्पादन में भी एक नया रास्ता खोलेगी। मंत्री विपुल गोयल ने इस योजना को तेजी से लागू करने की घोषणा की है, जिससे स्थानीय रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। जानें इस पहल के बारे में और कैसे यह हरियाणा को कचरा प्रबंधन में अग्रणी बना सकती है।
 

हरियाणा हरित कोयला: कचरे से ऊर्जा का नया रास्ता

हरियाणा हरित कोयला: फरीदाबाद और गुरुग्राम में कचरे को हरित कोयले में बदलने की योजना को मिली मंजूरी: हरियाणा में फरीदाबाद और गुरुग्राम में कचरे को हरित कोयले में परिवर्तित करने की एक नई योजना को हरी झंडी मिल गई है।


इस परियोजना का उद्देश्य न केवल कचरा प्रबंधन में सुधार करना है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा उत्पादन के लिए भी एक नया मार्ग प्रशस्त करेगा। हाल ही में, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री विपुल गोयल ने वाराणसी में एनटीपीसी के हरित कोयला संयंत्र का दौरा किया और इस योजना को शीघ्र लागू करने की घोषणा की। आइए, इस पहल के बारे में विस्तार से जानते हैं।


कचरे से हरित कोयला उत्पादन की शुरुआत


फरीदाबाद और गुरुग्राम में प्रतिदिन क्रमशः 600-700 टन और 1000-1200 टन ठोस कचरा उत्पन्न होता है। इस कचरे को अब हरित कोयले में परिवर्तित किया जाएगा। 20 जुलाई 2023 को, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और पूर्व विद्युत मंत्री मनोहर लाल खट्टर की उपस्थिति में एनटीपीसी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे।


इस समझौते के तहत, दोनों शहरों में हरित कोयला उत्पादन संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। इन संयंत्रों से प्रतिदिन 400-500 टन हरित कोयला तैयार किया जाएगा, जो ऊर्जा उत्पादन और पर्यावरण संरक्षण में सहायक होगा।


संयंत्र निर्माण की प्रक्रिया का आरंभ


मंत्री विपुल गोयल ने बताया कि फरीदाबाद और गुरुग्राम में संयंत्र निर्माण की प्रशासनिक प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। वाराणसी में एनटीपीसी संयंत्र के दौरे के दौरान गोयल के साथ फरीदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के आयुक्त धीरेंद्र, शहरी निकाय विभाग के सचिव विकास गुप्ता और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। यह परियोजना हरियाणा को कचरा प्रबंधन में देश का अग्रणी राज्य बना सकती है।


संयंत्रों के चालू होने से कचरे का निपटान सरल होगा और प्रदूषण में कमी आएगी। यह योजना स्थानीय रोजगार के अवसर भी उत्पन्न करेगी।


पर्यावरण और ऊर्जा का नया मॉडल


हरियाणा हरित कोयला परियोजना पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन का एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करती है। यह कचरे को उपयोगी संसाधन में बदलकर हरियाणा को स्वच्छ और समृद्ध बनाएगी। फरीदाबाद और गुरुग्राम जैसे बड़े शहरों में कचरे की समस्या गंभीर है।


इस परियोजना से न केवल कचरे का प्रबंधन होगा, बल्कि हरित कोयला उद्योगों में कोयले का स्थान लेगा। सैनी सरकार की यह पहल हरियाणा को पर्यावरण के क्षेत्र में एक नया उदाहरण स्थापित करेगी और देश के अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा बनेगी।