हरियाणा में महिला कर्मचारियों के लिए छुट्टियों में वृद्धि: नई नीति की जानकारी
हरियाणा में महिला कर्मचारियों के लिए छुट्टियों में वृद्धि
हरियाणा महिला कर्मचारी छुट्टी: महिला कर्मचारियों के लिए खुशखबरी! हरियाणा सरकार ने कॉन्ट्रैक्ट पर कार्यरत महिला कर्मचारियों के लिए छुट्टियों में वृद्धि की घोषणा की है।
अब इन कर्मचारियों को हर महीने दो कैजुअल लीव (Casual Leave) मिलेंगी, और सालाना कैजुअल छुट्टियों की संख्या 10 से बढ़ाकर 22 कर दी गई है। यह नई नीति हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRNL) के तहत काम करने वाली सभी महिला कर्मचारियों पर लागू होगी।
यह निर्णय लगभग 38,700 महिला कर्मचारियों के लिए राहत प्रदान करेगा और उनके कार्य-जीवन संतुलन (Work-Life Balance) को बेहतर बनाने में मदद करेगा। आइए, इस नई नीति के बारे में विस्तार से जानते हैं।
छुट्टियों में वृद्धि, सुकून में वृद्धि
हरियाणा महिला कर्मचारी छुट्टी (Haryana Women Employee Leave) की नई नीति के अनुसार, कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाली महिलाओं को अब साल में 22 कैजुअल लीव मिलेंगी। पहले यह संख्या केवल 10 थी, जिसे सैनी सरकार ने बढ़ाने का निर्णय लिया है।
इसके अलावा, 10 दिन की मेडिकल लीव (Medical Leave) पहले की तरह उपलब्ध रहेगी। यह बदलाव सरकारी विभागों में कार्यरत लगभग 38,700 कॉन्ट्रैक्ट महिला कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है। यह नीति उनके कार्य-जीवन संतुलन को बेहतर बनाएगी और व्यक्तिगत आवश्यकताओं के लिए अधिक समय प्रदान करेगी।
सरकार का नोटिफिकेशन और लागू होने की प्रक्रिया
हरियाणा सरकार के मानव संसाधन विभाग ने महिला कर्मचारियों के लिए छुट्टियों के संबंध में एक नोटिफिकेशन जारी किया है। यह आदेश हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRNL) के तहत कार्यरत सभी कॉन्ट्रैक्ट महिला कर्मचारियों पर लागू होगा।
हरियाणा में वर्तमान में 2.7 लाख नियमित कर्मचारियों के साथ-साथ 1.28 लाख कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी काम कर रहे हैं। इनमें से 38,700 महिलाएं हैं, जो इस नई नीति से लाभान्वित होंगी। यह कदम महिला कर्मचारियों के प्रति सरकार की संवेदनशीलता और समावेशी नीतियों को दर्शाता है।
महिला कर्मचारियों के लिए बड़ा लाभ
हरियाणा महिला कर्मचारी छुट्टी की यह नई नीति कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों के लिए एक बड़ा उपहार है। बढ़ी हुई छुट्टियां न केवल उनकी कार्यक्षमता को बढ़ाएंगी, बल्कि मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाएंगी।
यह नीति विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए फायदेमंद है, जो परिवार और नौकरी के बीच संतुलन बनाने में चुनौतियों का सामना करती हैं। सरकार का यह कदम लैंगिक समानता और कार्यस्थल पर महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। महिला कर्मचारियों से अपील है कि वे इस सुविधा का लाभ उठाएं और अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहें।