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हरियाणा में शहरों के विकास के लिए नया एक्सीलेंस सेंटर स्थापित होगा

हरियाणा में शहरों के विकास के लिए एक नया एक्सीलेंस सेंटर स्थापित किया जाएगा, जो 525 करोड़ रुपये की लागत से संचालित होगा। यह केंद्र जीआईआईएस मैपिंग के माध्यम से शहरों की जनसंख्या और विकास की दिशा का अध्ययन करेगा। विभाग का अनुमान है कि 2041 तक फरीदाबाद और गुड़गांव की जनसंख्या में भारी वृद्धि होगी। इस केंद्र की रिपोर्ट से शहरों में विकास की चुनौतियों का समाधान भी निकाला जाएगा।
 

हरियाणा में शहरों का विकास

हरियाणा में अब शहरों का विकास एक अध्ययन के माध्यम से किया जाएगा। इसके लिए टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग एक एक्सीलेंस सेंटर की स्थापना करेगा, जिसका संचालन एक निजी एजेंसी द्वारा किया जाएगा। इस एजेंसी के पास विशेषज्ञ होंगे और इसका अपना भवन भी होगा। इस परियोजना पर 525 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।


शहरों की जनसंख्या में वृद्धि

यह कार्य पहले ही शुरू हो चुका है। विभाग का मानना है कि पिछले एक दशक में हरियाणा के शहरों की जनसंख्या में 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसके अलावा, प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में 89 प्रतिशत लोग अब शहरी क्षेत्रों में निवास कर रहे हैं। सरकारी एजेंसियों की कमी के कारण कॉलोनाइज़र अवैध कॉलोनियों का निर्माण कर रहे हैं, जिससे नियोजित शहरी क्षेत्रों में बिजली, पानी, और सफाई जैसी सुविधाओं की कमी हो रही है। इसलिए, अब सभी शहरों को योजनाबद्ध तरीके से विकसित किया जाएगा।


जीआईआईएस मैपिंग का महत्व

एक्सीलेंस सेंटर शहरों का अध्ययन करेगा और जीआईआईएस मैपिंग का उपयोग करेगा। यह जानने के लिए कि किस शहर में कितने लोग निवास करते हैं और विकास की दिशा क्या होनी चाहिए। इसके साथ ही, वहां बिजली, पानी, सड़क, सीवरेज और प्रदूषण की वर्तमान स्थिति का आकलन किया जाएगा।


भविष्य की योजनाएं

इस केंद्र की रिपोर्ट यह भी बताएगी कि शहरों में निवास करने वाले लोगों और सरकार के सामने क्या चुनौतियां हैं और उन्हें कैसे हल किया जा सकता है। विभाग का अनुमान है कि 2041 तक फरीदाबाद की जनसंख्या 30 लाख और गुड़गांव की जनसंख्या 40 लाख हो जाएगी। इसलिए, छोटे और मध्यम शहरों का विकास आवश्यक है। चूंकि वहां अधिकांश कॉलोनियां निजी कंपनियों द्वारा विकसित की गई हैं, इसलिए सरकारी व्यवस्था को भी सक्रिय होना चाहिए। केंद्र नगर निकायों की स्थिति में सुधार लाने का कार्य भी करेगा।