हरियाणा में सभी जिलों में पुलिस शिकायत प्राधिकरण का गठन
पुलिस शिकायत प्राधिकरण का गठन
इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारियों की शिकायतें दर्ज होंगी
हरियाणा सरकार पुलिस व्यवस्था में सुधार लाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। राज्य में पहले से स्थापित पुलिस शिकायत प्राधिकरण के बाद, अब सभी जिलों में भी ऐसे प्राधिकरण का गठन किया जाएगा। यह जिला स्तर पर स्थापित प्राधिकरण इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारियों के खिलाफ शिकायतों को सुनने के लिए सक्षम होगा।
महिला सदस्यों की नियुक्ति
सरकार द्वारा गठित राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण में जल्द ही महिला सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी। उल्लेखनीय है कि 1989 बैच के सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी डॉ. आरसी मिश्रा को हाल ही में इस प्राधिकरण का चेयरपर्सन नियुक्त किया गया है, जबकि 2014 बैच के सेवानिवृत्त IAS अधिकारी ललित सिवाच को सदस्य बनाया गया है।
11 वर्षों बाद जिला प्राधिकरण का गठन
लगभग 11 वर्षों के अंतराल के बाद, जिला पुलिस शिकायत प्राधिकरण का गठन किया जा रहा है। इससे आम जनता को इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारियों के खिलाफ शिकायतें दर्ज करने का अवसर मिलेगा। इस प्राधिकरण का चेयरमैन एक सेवानिवृत्त जिला जज हो सकता है, और सदस्यों में सेवानिवृत्त IAS और IPS अधिकारियों को शामिल किया जा सकता है।
राज्य प्राधिकरण में लंबित शिकायतें
राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण के पास 500 से अधिक शिकायतें लंबित हैं, जिन पर सुनवाई की जानी है। इसके अलावा, प्राधिकरण ने 70 मामलों में इंस्पेक्टर और उससे नीचे के रैंक के पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सुनवाई के बाद गृह विभाग को कार्रवाई के लिए लिखा है।
2014 में डीपीए का गठन
जुलाई 2014 में, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने विधानसभा के माध्यम से हरियाणा पुलिस (संशोधन) कानून, 2014 को पारित किया था, जो 1 अगस्त, 2014 से लागू हुआ। इस कानून के तहत प्रत्येक जिले या एक से अधिक जिलों के लिए संयुक्त जिला प्राधिकरण का प्रावधान भी किया गया था।