हरियाणा सरकार ने किसानों के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल को 15 सितंबर 2025 तक खोला
हरियाणा में बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए राहत
हरियाणा: हरियाणा सरकार ने बाढ़ और भारी बारिश से प्रभावित किसानों को सहायता प्रदान करने के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल को 15 सितंबर, 2025 तक सक्रिय रखने का निर्णय लिया है। इस पोर्टल के माध्यम से किसान अपनी खरीफ फसलों के नुकसान की जानकारी अपलोड कर सकते हैं और क्षतिपूर्ति के लिए आवेदन कर सकते हैं। अब तक लगभग 4 लाख एकड़ फसलों के नुकसान के दावे इस पोर्टल पर दर्ज किए जा चुके हैं।
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री विपुल गोयल ने अधिकारियों को दावों के त्वरित सत्यापन और भुगतान के निर्देश दिए हैं, ताकि किसानों को समय पर आर्थिक सहायता मिल सके। इस मानसून में प्रदेश में सामान्य से अधिक बारिश हुई है, जिससे कई क्षेत्रों में जलभराव और बाढ़ जैसी स्थितियाँ उत्पन्न हुई हैं।
बैठक में फ्लड कंट्रोल रूम, राहत सामग्री और बचाव उपकरणों की उपलब्धता की समीक्षा की गई। इसके साथ ही सेना, एनजीओ और स्वयंसेवकों के साथ समन्वय को मजबूत करने पर जोर दिया गया। इस वर्ष हरियाणा को स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फंड (SDRF) के तहत लगभग 636 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, और सभी जिला उपायुक्तों को आपातकालीन स्थिति में त्वरित कार्रवाई के लिए रिजर्व फंड उपलब्ध कराया गया है।
बैठक में यह भी बताया गया कि आईआरबी भोंडसी की पहली बटालियन, जिसमें 950 जवान शामिल हैं, को हरियाणा स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (HSDRF) के रूप में नामित किया गया है। यह बल यमुनानगर, अंबाला, पंचकूला, करनाल, कैथल, पलवल, फरीदाबाद, कुरुक्षेत्र, हिसार, रोहतक और गुरुग्राम जैसे संवेदनशील जिलों में तैनात है। इसके अलावा HSDRF के लिए 1149 पद स्वीकृत किए गए हैं, जो आपदा प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। राज्य के विभिन्न हिस्सों में 151 नावें बाढ़ प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुँचाने के लिए तैनात की गई हैं।
वित्तायुक्त डॉ. सुमिता मिश्रा ने बताया कि प्रभावित जिलों में आपदा प्रबंधन टीमें तैनात हैं, जो स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर राहत कार्यों को गति दे रही हैं। उन्होंने कहा कि क्षति का त्वरित आकलन किया जा रहा है ताकि प्रभावित परिवारों को उचित मुआवजा और सहायता मिल सके।
मंत्री विपुल गोयल ने सभी संबंधित विभागों को आपसी समन्वय बढ़ाने, समयबद्ध राहत कार्य सुनिश्चित करने, और पारदर्शिता बनाए रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बाढ़ और जलभराव जैसी आपदाओं से निपटने के लिए मजबूत योजना और त्वरित प्रतिक्रिया प्रणाली बेहद जरूरी है।