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हिंदी दिवस का भव्य आयोजन बीआरसीएम लॉ कॉलेज में

बीआरसीएम लॉ कॉलेज में हिंदी दिवस का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लिया। इस अवसर पर हिंदी प्राध्यापक मनोज कुमार ने हिंदी भाषा के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में विजेताओं को सम्मानित किया गया और सभी उपस्थित लोगों ने इस आयोजन की सराहना की। जानें इस विशेष दिन की पूरी कहानी और प्रतियोगिताओं के बारे में।
 

हिंदी दिवस का उत्सव


हिंदी दिवस का आयोजन भिवानी। बीआरसीएम शिक्षण संस्थान (बहल) के विधिक महाविद्यालय में हिंदी विभाग द्वारा 'हिंदी दिवस' के उपलक्ष्य में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया।


इस अवसर पर हिंदी प्राध्यापक मनोज कुमार ने महाविद्यालय के सभी शिक्षकों का स्वागत किया, जिनमें अंशु शर्मा, कमल सर, भारती मैम, ऐश्वर्या मैम, राम सर, और प्रीत सर शामिल थे।


कार्यक्रम का उद्घाटन महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुनील कुमार शुक्ला और बीआरसीएम शिक्षण संस्थान के निदेशक डॉ. एस.के. सिन्हा ने किया। मनोज कुमार ने कहा कि आजादी के 70 साल बाद भी स्वतंत्रता सेनानियों की हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की इच्छा अधूरी है। हिंदी देश की राजभाषा है, लेकिन आज भी हिंदी बोलने वालों की संख्या कम है।


हिंदी को राजभाषा का दर्जा

उन्होंने बताया कि 14 सितंबर 1949 को हिंदी को राजभाषा के रूप में मान्यता दी गई थी। इसके बाद, 1953 से हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाने की परंपरा शुरू हुई। इस दिन पहली बार हिंदी दिवस मनाया गया था। सभी बीए एलएलबी स्नातक और स्नातकोत्तर कक्षाओं के छात्रों ने पिछले दो सप्ताह में आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लिया।


इन प्रतियोगिताओं में सुलेख, निबंध, भाषण, और कविता पाठ शामिल थे।


प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया

निर्णायक मंडल में अंशु शर्मा, भारती मैडम, ऐश्वर्या मैडम और प्रीति सर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस कार्यक्रम में प्रतिभागियों प्रवीण, कुनाल, खुशबू, साक्षी (बीए एलएलबी पंचम सेम) और रुचिका (प्रथम सेम) को प्रथम और द्वितीय स्थान प्रदान किया गया।


इस अवसर पर विधिक महाविद्यालय के सभी अध्यापक, कर्मचारी और विद्यार्थी उपस्थित रहे। प्राचार्य डॉ. सुनील कुमार शुक्ला ने विजेता विद्यार्थियों को बधाई दी और इस तरह के कार्यक्रमों को सराहनीय बताया।