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हिमाचल प्रदेश में बाढ़ का कहर: कुल्लू में ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ा

हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में मूसलधार बारिश के कारण ब्यास नदी में बाढ़ आ गई है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कुल्लू-मनाली नेशनल हाईवे का एक बड़ा हिस्सा बह गया है और कई इमारतें भी प्रभावित हुई हैं। प्रशासन ने लोगों को नदी किनारे जाने से मना किया है। भूस्खलन ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। पंडोह डैम के गेट खोल दिए गए हैं, जिससे जलस्तर को नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है। जानें इस आपदा के बारे में और क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
 

हिमाचल प्रदेश में बाढ़ की स्थिति

हिमाचल प्रदेश बाढ़: कुल्लू जिले में लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। ब्यास नदी में आई बाढ़ ने कुल्लू और मनाली के कई क्षेत्रों को अपनी चपेट में ले लिया है। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि कुल्लू-मनाली नेशनल हाईवे (NH-3) का लगभग तीन किलोमीटर लंबा हिस्सा बह गया है।


नदी का प्रवाह एनएच-3 की ओर मुड़ने से सड़क किनारे स्थित एक निजी होटल पर खतरा मंडरा रहा है। मनाली के बाहंग क्षेत्र में एक दो मंजिला इमारत भी तेज बहाव में समा गई है। प्रशासन ने लोगों को नदी और नालों के किनारे जाने से सख्त मना किया है।


भूस्खलन से बढ़ी मुश्किलें

भूस्खलन से बढ़ी मुश्किलें


लगातार हो रहे भूस्खलन ने स्थिति को और भी भयावह बना दिया है। मंगलवार सुबह कुल्लू में दो रेस्टोरेंट और दो दुकानें ध्वस्त हो गईं। ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ने से एक और दो मंजिला इमारत ढह गई। दवाड़ा के पास ब्यास नदी पर बना फुट ब्रिज भी तेज धारा में बह गया। यह पुल लारजी पावर हाउस को नदी के दूसरे किनारे से जोड़ता था। जलस्तर इतना बढ़ गया कि कुछ ही समय में पूरा पुल पानी में समा गया। नेशनल हाईवे का एक बड़ा हिस्सा भी बह चुका है, जिससे यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। प्रशासन का कहना है कि नदी का तेज बहाव लारजी पावर हाउस के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहा है। 2023 में भी यहां इसी तरह की आपदा से भारी नुकसान हुआ था।




पंडोह डैम के गेट खोले गए

पंडोह डैम के गेट खोले गए


ब्यास नदी के बढ़ते जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए बीबीएमबी (भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड) ने पंडोह डैम के सभी पांच गेट खोल दिए हैं। डैम से लगभग 90 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। पानी में सिल्ट की अत्यधिक मात्रा के कारण बग्गी टनल की सप्लाई रोक दी गई है, जिससे विद्युत उत्पादन बंद हो गया है। बीबीएमबी ने बताया कि डैम में जितना भी पानी आ रहा है, उसे सीधे नदी में छोड़ा जा रहा है और फ्लशिंग का काम जारी है।




प्रशासन की चेतावनी

प्रशासन की चेतावनी


डीसी मंडी अपूर्व देवगन ने लोगों से अपील की है कि वे ब्यास नदी और अन्य नालों के पास ना जाएं। उन्होंने कहा कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से 27 अगस्त सुबह तक पंडोह डैम की फ्लशिंग जारी रहेगी। इस दौरान लोगों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।


लगातार हो रही बारिश, भूस्खलन और ब्यास नदी के उफान से कुल्लू-मनाली क्षेत्र में जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है। बाजार, सड़कें और नदी किनारे बसे कई इलाके जलमग्न हो चुके हैं। प्रशासन हालात पर लगातार नजर बनाए हुए है, लेकिन तेज बहाव ने खतरे को और बढ़ा दिया है।