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हिमाचल प्रदेश में बारिश से तबाही: 37 मृतक, 40 लापता

हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया है। 37 लोगों की मौत हो चुकी है और 40 लोग लापता हैं। मंडी जिले में स्थिति सबसे खराब है, जहां बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं बढ़ रही हैं। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने 400 करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान का अनुमान लगाया है। IMD ने कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। राहत और बचाव कार्य जारी हैं, लेकिन यातायात ठप है। जानें इस संकट के पीछे के कारण और प्रशासन की तैयारियों के बारे में।
 

हिमाचल प्रदेश में बारिश का कहर

हिमाचल प्रदेश में बारिश का संकट: राज्य इस समय गंभीर मानसूनी संकट का सामना कर रहा है। लगातार हो रही भारी बारिश के कारण बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। अब तक 37 लोगों की जान जा चुकी है और 40 लोग लापता हैं। मंडी जिले में स्थिति सबसे खराब है, जहां नुकसान अत्यधिक है।


आर्थिक नुकसान का आकलन

राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, भारी बारिश के कारण 400 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है और 7 जुलाई तक भारी बारिश की चेतावनी दी है।


IMD द्वारा जारी चेतावनी

IMD ने जारी किया अलर्ट

5 जुलाई को शिमला, सोलन और सिरमौर में और 6 जुलाई को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, चंबा और मंडी में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। अन्य जिलों में येलो अलर्ट लागू है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि कुछ स्थानों पर तेज बारिश के कारण फ्लैश फ्लड, भूस्खलन और सड़कें बंद होने का खतरा है।


राहत कार्यों की स्थिति

राहत और बचाव कार्य जारी

मंडी जिला सबसे अधिक प्रभावित है, जहां 11 लोगों की मौत हो चुकी है और 34 लोग लापता हैं। कई गांवों का संपर्क टूट गया है, और बिजली तथा पानी की आपूर्ति भी बाधित है। राहत और बचाव कार्यों में NDRF, SDRF, पुलिस और स्थानीय प्रशासन जुटे हुए हैं। कई गांवों में हवाई सहायता से खाद्य सामग्री भेजी जा रही है।


यातायात पर प्रभाव

यातायात ठप

राज्य में स्थिति गंभीर है। लगभग 250 सड़कें बंद हैं, 500 से अधिक ट्रांसफार्मर ठप हैं और 700 से ज्यादा पानी की योजनाएं प्रभावित हैं। शिमला में स्कूलों में पानी भर गया है, जिससे कक्षाएं रद्द करनी पड़ी हैं। राजधानी के पास फोरलेन सड़क का एक हिस्सा धंस गया है, जबकि मंडी में एक घर पूरी तरह से नष्ट हो गया है।


तबाही के कारण

क्या है कारण?

अधिकारियों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वॉर्मिंग इस तबाही के प्रमुख कारण हैं। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के विशेष सचिव डीसी राणा ने कहा, 'इस तरह की चरम मौसमी घटनाएं अब सामान्य होती जा रही हैं, इसलिए पहले से तैयारी आवश्यक है।' राज्य प्रशासन हाई अलर्ट पर है और लगातार स्थिति पर नजर रखी जा रही है। लोगों से अपील की गई है कि वे सरकारी निर्देशों का पालन करें और सुरक्षित स्थानों पर रहें.