हिसार में कचरा प्रबंधन के लिए नया क्लस्टर, CNG प्लांट की स्थापना
हिसार में कचरा प्रबंधन की नई पहल
हिसार। हिसार में कचरा प्रबंधन को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। नगर निगम हिसार अब केवल शहर के कचरे का ही नहीं, बल्कि आस-पास की नगर परिषदों और पालिकाओं के कचरे का भी प्रोसेसिंग करेगा। सरकार ने हिसार में पांच शहरी स्थानीय निकायों (ULB) के लिए कचरा प्रोसेसिंग का एक क्लस्टर स्थापित करने का निर्णय लिया है। इस परियोजना के लिए 143 करोड़ रुपये की लागत से चार बड़े प्रोजेक्ट शुरू किए जाएंगे, जिसमें कचरे से CNG बनाने का प्लांट भी शामिल है। आइए, इस योजना के बारे में विस्तार से जानते हैं।
350 टन कचरे का प्रोसेसिंग
नगर निगम हिसार ने हांसी, बरवाला, सिवानी, उकलाना और हिसार शहर से निकलने वाले कचरे की जानकारी एकत्रित की है। तकनीकी विभाग के अनुसार, इन पांच क्षेत्रों से प्रतिदिन लगभग 350 टन कचरा उत्पन्न होता है। इसे हिसार में स्थापित होने वाले प्रोसेसिंग प्लांट में प्रोसेस किया जाएगा। निगम ने इस संबंध में रिपोर्ट तैयार कर ली है और जल्द ही क्लस्टर स्तर का प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा।
CNG प्लांट और अन्य योजनाएं
इस योजना में कचरा प्रोसेसिंग के साथ-साथ कचरे से CNG गैस बनाने का प्लांट भी प्रस्तावित है। निगम ने संभावित स्थान का निरीक्षण कर रिपोर्ट सरकार को भेज दी है। अधिकारियों का कहना है कि यदि 54 एकड़ भूमि उपलब्ध नहीं होती है, तो काम 32 एकड़ में शुरू किया जाएगा। तीन प्रोजेक्ट्स के लिए टेंडर जारी किए जा चुके हैं, और 18 करोड़ रुपये का नहर रोड टेंडर 10 सितंबर 2025 को लगाया जाएगा।
पांच साल पुरानी योजना को नया जीवन
यह योजना पांच साल पहले शुरू की गई थी, जब हिसार, फतेहाबाद, जींद और भिवानी के कुछ ULB से कचरा इकट्ठा कर बिजली बनाने का प्लांट लगाने की योजना थी। लेकिन भूमि चयन और तकनीकी कारणों से यह योजना अटक गई थी। उस समय राजगढ़ रोड, देवा मुकलान और उसके आसपास की भूमि की तलाश की गई थी, लेकिन कोई निर्णय नहीं हो सका। अब नई उम्मीदें जगी हैं।
जमीन की तलाश में चुनौती
नगर निगम को प्रोसेसिंग प्लांट के लिए 54 एकड़ भूमि की आवश्यकता है, लेकिन वर्तमान में केवल 32 एकड़ भूमि उपलब्ध है। यह भूमि हिसार एयरपोर्ट के 10 किमी दायरे में आती है, जिस पर एयरपोर्ट प्राधिकरण ने आपत्ति जताई है। निगम अब वैकल्पिक भूमि की तलाश कर रहा है। ULB हरियाणा और पशुपालन विभाग के बीच बैठक हो चुकी है, और सिद्धांत रूप में सहमति बनी है, लेकिन भूमि का अंतिम चयन अभी बाकी है।