2026 के चुनावों का 2027 पर प्रभाव: बिहार से लेकर गुजरात तक
2026 के चुनावों का महत्व
2026 में होने वाले पांच राज्यों के चुनाव परिणाम 2027 में छह अन्य राज्यों पर गहरा प्रभाव डालेंगे। फरवरी के मध्य से लेकर साल के अंत तक गुजरात, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोआ में चुनाव होंगे। दिसंबर में गुजरात के चुनाव से पहले, साल की पहली छमाही में बाकी पांच राज्यों के चुनाव संपन्न हो जाएंगे, और इनमें से तीन के परिणाम गुजरात के भविष्य को भी प्रभावित करेंगे.
बिहार चुनाव का प्रभाव
बिहार विधानसभा के चुनाव नवंबर में होंगे, और इसके परिणाम 2029 में होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए महत्वपूर्ण होंगे। यदि भारतीय जनता पार्टी और जदयू सत्ता से बाहर हो जाते हैं और राष्ट्रीय जनता दल तथा कांग्रेस की सरकार बनती है, तो इससे भारतीय राजनीति की दिशा में बड़ा बदलाव आ सकता है.
दक्षिण भारत के चुनावों पर असर
2026 में होने वाले चुनावों का असर दक्षिण के राज्यों पर भी पड़ेगा। पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुदुचेरी में चुनाव अप्रैल से जून के बीच होंगे। बिहार में एनडीए की हार या जीत का सीधा असर पश्चिम बंगाल और असम के चुनाव परिणामों पर होगा.
भविष्य की राजनीतिक संभावनाएँ
यदि बिहार में एनडीए की हार होती है, तो उत्तर प्रदेश में भाजपा की सीटों में कमी आ सकती है। वहीं, उत्तराखंड में कांग्रेस की संभावनाएँ मजबूत हो सकती हैं। पंजाब में भाजपा की स्थिति कमजोर है, और बिहार के चुनाव परिणाम कांग्रेस के लिए एक नई राह खोल सकते हैं.
गुजरात के चुनावों का संदर्भ
गुजरात के चुनाव उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब के परिणामों के छह महीने बाद होंगे। इन तीनों राज्यों के नतीजों का गुजरात पर सीधा प्रभाव पड़ेगा। कांग्रेस की स्थिति गुजरात में महत्वपूर्ण होगी, और यदि भाजपा की सीटें घटती हैं, तो कांग्रेस को लाभ मिल सकता है.
राष्ट्रपति चुनाव की तैयारी
2027 में राष्ट्रपति पद के चुनाव भी होंगे। तब तक बिहार समेत 12 राज्यों के राजनीतिक समीकरण बदल चुके होंगे। यदि बड़े उलटफेर होते हैं, तो इसका असर राष्ट्रपति चुनाव पर भी पड़ेगा. नरेंद्र मोदी की राजनीतिक भविष्यवाणी के लिए बिहार का चुनाव परिणाम महत्वपूर्ण साबित होगा.