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AAP का एलजी के आदेश पर विरोध, न्याय व्यवस्था को बताया कमजोर करने वाला

आम आदमी पार्टी ने उपराज्यपाल द्वारा जारी की गई अधिसूचना का कड़ा विरोध किया है, जिसमें पुलिस अधिकारियों को थाने से गवाही देने की अनुमति दी गई है। सौरभ भारद्वाज ने इसे न्याय व्यवस्था का मजाक और अवैध करार दिया है। इस आदेश के खिलाफ दिल्ली की सभी जिला अदालतों में हड़ताल चल रही है। भारद्वाज का कहना है कि इससे पुलिस की मनमानी बढ़ेगी और न्याय प्रणाली कमजोर होगी। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है।
 

आम आदमी पार्टी का कड़ा विरोध

आम आदमी पार्टी (AAP) ने उपराज्यपाल द्वारा जारी की गई उस अधिसूचना का विरोध किया है, जिसमें पुलिस अधिकारियों को थाने से गवाही देने की अनुमति दी गई है। पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने इसे न्याय व्यवस्था का मजाक करार दिया है। उनका कहना है कि यह आदेश पूरी तरह से अवैध और गैरकानूनी है। अब पुलिस अधिकारी थाने में बैठकर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से गवाही देंगे, जिसके विरोध में दिल्ली की सभी जिला अदालतों में हड़ताल चल रही है।


पुलिस की मनमानी बढ़ेगी- सौरभ भारद्वाज

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पुलिस पर पहले से ही झूठे मुकदमे दर्ज करने के आरोप लगते रहे हैं। अब इस नए आदेश से पुलिस की मनमानी और बढ़ेगी। दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की बार एसोसिएशन ने भी इस आदेश का विरोध किया है और इसे तुरंत वापस लेने की मांग की है।


न्याय व्यवस्था को ध्वस्त करने वाला नोटिफिकेशन

सौरभ भारद्वाज ने पार्टी मुख्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जब केंद्र सरकार ने भारतीय न्याय संहिता लागू की थी, तब AAP ने कुछ सवाल उठाए थे। गृह मंत्रालय के गृह सचिव ने आश्वासन दिया था कि पुलिस थाने से गवाही नहीं दे सकती। इसके बावजूद, 13 अगस्त को एलजी वीके सक्सेना ने एक नोटिफिकेशन जारी किया, जिसमें कहा गया कि पुलिस अधिकारी थाने में बैठकर गवाही देंगे। यह कानून का मजाक है और पूरी न्याय व्यवस्था को ध्वस्त कर देगा।


जिला न्यायालयों में हड़ताल

सौरभ भारद्वाज ने बताया कि इस अधिसूचना के खिलाफ जिला न्यायालयों ने तीन दिन की हड़ताल की थी, जो सोमवार तक जारी रहेगी। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने भी इस हड़ताल का समर्थन किया है और एलजी से अधिसूचना को वापस लेने की मांग की है।


भाजपा सरकार पर आरोप

सौरभ भारद्वाज ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि उन्होंने मिडिल क्लास पर हमला किया है और प्राइवेट स्कूलों में फीस बढ़ा दी है। उन्होंने कहा कि वकीलों को परेशान किया जा रहा है और इस अधिसूचना के खिलाफ पूरी दिल्ली के जिला न्यायालय हड़ताल पर हैं, लेकिन इसे मीडिया में उचित कवरेज नहीं मिल रहा है।


संजीव नासियार का बयान

संजीव नासियार ने कहा कि पिछले 10-11 वर्षों में सभी संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है। बीएनएस के खिलाफ वकीलों ने भारी विरोध किया था। उन्होंने कहा कि जब तक गवाह को कोर्ट में नहीं बुलाया जाएगा, तब तक न्याय प्रणाली कमजोर रहेगी।


AAP का समर्थन

संजीव नासियार ने कहा कि AAP की सरकार में आम आदमी पुलिस से सुरक्षित महसूस करता था, लेकिन अब भाजपा की सरकार आने के बाद स्थिति बदल गई है। उन्होंने कहा कि AAP लीगल विंग इस हड़ताल को समर्थन देगी और अधिसूचना वापस लेने के लिए भारत सरकार और एलजी को मजबूर करेगी।