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AAP ने BJP पर मतदाता सूची में हेरफेर का आरोप लगाया

आम आदमी पार्टी (AAP) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर आरोप लगाया है कि वह हर चुनाव से पहले मतदाता सूची में हेरफेर करती है। अनुराग ढांडा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण पर सवाल उठाए हैं। AAP ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाए हैं और तीन प्रमुख मांगें रखी हैं। जानें पूरी खबर में क्या है AAP की रणनीति और सुप्रीम कोर्ट की भूमिका।
 

मतदाता सूची में गड़बड़ी का आरोप

आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनुराग ढांडा ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि पार्टी हर चुनाव से पहले मतदाता सूची में हेरफेर करती है। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में विधानसभा चुनावों से पहले सुप्रीम कोर्ट के सवालों ने इस साजिश को उजागर किया है।


बीजेपी की रणनीति

बीजेपी का पुराना हथियार

अनुराग ढांडा ने एक बयान में कहा, "यह स्पष्ट है कि भारतीय जनता पार्टी हर चुनाव से पहले मतदाता सूची में गड़बड़ी कराती है और चुनाव आयोग उसकी मदद करता है।" उन्होंने यह भी बताया कि हरियाणा, दिल्ली, महाराष्ट्र और अब बिहार में मतदाता सूची में छेड़छाड़ की जा रही है। कहीं लाखों नाम हटाए गए हैं, तो कहीं फर्जी नाम जोड़े गए हैं, जिससे जातिगत और क्षेत्रीय संतुलन बिगड़ रहा है।


सुप्रीम कोर्ट की भूमिका

सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप

ढांडा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में चल रही विशेष पुनरीक्षण प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं, जो AAP और जनता लंबे समय से उठाते आ रहे हैं। उन्होंने कहा, "सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से जवाब मांगा है, लेकिन न तो चुनाव आयोग और न ही केंद्र की मोदी सरकार ने अब तक कोई स्पष्ट उत्तर दिया है।"


चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल

चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर देशभर में सवाल उठ रहे हैं। ढांडा ने आरोप लगाया, "यह वही संस्था है, जिस पर जनता को निष्पक्ष चुनाव कराने की जिम्मेदारी सौंपती है, लेकिन अब यह एकतरफा तरीके से काम करती दिखाई दे रही है।" मतदाता सूची में गोपनीय बदलाव लोकतंत्र की नींव को कमजोर कर रहे हैं।


AAP की मांगें

AAP की मांगें

  • बिहार में विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण को तुरंत रोका जाए।
  • इस प्रक्रिया की स्वतंत्र और न्यायिक जांच हो।
  • सभी दलों को पारदर्शी और समयबद्ध जानकारी दी जाए।

ढांडा ने चेतावनी दी, "अगर चुनाव आयोग जनता का विश्वास खो देगा, तो लोकतंत्र की नींव ही हिल जाएगी।" उन्होंने आयोग से आत्ममंथन और निष्पक्षता बहाल करने की अपील की।