CBSE ने 2025 के लिए उपस्थिति नियमों में सख्ती की
CBSE उपस्थिति नियम 2025
नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने शैक्षणिक वर्ष 2025-26 के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं। कक्षा 10 और 12 के सभी विद्यार्थियों के लिए बोर्ड परीक्षा में शामिल होने के लिए 75% उपस्थिति अनिवार्य होगी।
यह नियम 4 अगस्त को जारी एक आधिकारिक सर्कुलर में स्पष्ट किया गया है। यदि किसी छात्र की उपस्थिति इस सीमा से कम है, तो उसे 2026 की बोर्ड परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में छूट दी जा सकती है, लेकिन इसके लिए उचित दस्तावेज प्रस्तुत करना आवश्यक होगा।
CBSE उपस्थिति नियम 2025: डमी अभ्यर्थियों पर सख्ती
CBSE ने अपने नियमों (Bye-Laws) की धारा 13 और 14 का उल्लेख करते हुए कहा है कि केवल चिकित्सा आपात स्थिति, परिवार में किसी की मृत्यु या राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों में भाग लेने के मामलों में ही उपस्थिति में छूट दी जाएगी।
इसके लिए समय पर दस्तावेज जमा करना अनिवार्य है। बिना लिखित आवेदन के छुट्टी को अनधिकृत माना जाएगा, और इसमें किसी भी प्रकार की हेराफेरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
स्कूलों पर कड़ी नजर, गड़बड़ी की सजा
बोर्ड ने स्कूलों को चेतावनी दी है कि यदि उपस्थिति रिकॉर्ड में कोई गड़बड़ी पाई गई, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। CBSE बिना पूर्व सूचना के स्कूलों का निरीक्षण करेगा। यदि रिकॉर्ड अधूरा या गलत पाया गया, तो स्कूल की मान्यता रद्द की जा सकती है।
स्कूलों को हर दिन की उपस्थिति दर्ज करनी होगी, कक्षा शिक्षक और प्रिंसिपल के हस्ताक्षर लेना अनिवार्य होगा, और सभी रिकॉर्ड को बनाए रखना आवश्यक होगा।
माता-पिता की भी जिम्मेदारी
CBSE ने स्कूलों से कहा है कि वे सत्र की शुरुआत में ही छात्रों और उनके माता-पिता को उपस्थिति नियमों की पूरी जानकारी दें। यदि किसी छात्र की उपस्थिति 75% से कम है, तो स्कूल को रजिस्टर्ड पोस्ट या ईमेल के माध्यम से अभिभावकों को चेतावनी भेजनी होगी।
चिकित्सा अवकाश के लिए सरकारी डॉक्टर का प्रमाण पत्र और अन्य गंभीर कारणों, जैसे कि परिजन की मृत्यु, के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज तुरंत जमा करने होंगे।
समयसीमा और नियमों में कोई ढील नहीं
बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि उपस्थिति की गणना 1 जनवरी 2026 तक की जाएगी, और छूट के मामलों की जानकारी 6 जनवरी तक CBSE को भेजनी होगी। इसके बाद कोई भी आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा।
यदि कोई स्कूल बाद में दावा करता है कि छात्र ने उपस्थिति पूरी कर ली है, तो इसे डेटा में हेराफेरी माना जाएगा और कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। CBSE का कहना है, “नियमित उपस्थिति शैक्षणिक अनुशासन की नींव है, और इसमें कोई ढील नहीं दी जाएगी।”
स्कूलों के लिए खास निर्देश
CBSE ने स्कूलों को सत्र की शुरुआत में कुछ आवश्यक कार्य करने के लिए कहा है। उन्हें छात्रों और अभिभावकों को नियमों की जानकारी देनी होगी, गैर-अनुपालन के परिणामों के बारे में बताना होगा, रोजाना उपस्थिति की निगरानी करनी होगी, और समयसीमा में कमी वाले मामलों की रिपोर्टिंग करनी होगी। बोर्ड का संदेश स्पष्ट है कि नियमों का पालन करना हर स्कूल और छात्र की जिम्मेदारी है।