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FATF रिपोर्ट: आतंकवाद के वित्तपोषण में देशों की भूमिका का खुलासा

FATF की हालिया रिपोर्ट में आतंकवाद के वित्तपोषण में देशों की भूमिका का खुलासा हुआ है। भारत के आरोपों को समर्थन मिलने से पाकिस्तान पर दबाव बढ़ सकता है। रिपोर्ट में गेमिंग प्लेटफॉर्म और नकली एनजीओ के उपयोग का भी उल्लेख है, जो आतंकवाद के लिए नए खतरे पैदा कर रहे हैं। क्या दुनिया पाकिस्तान को आतंक के समर्थक देश के रूप में स्वीकार करेगी? जानें पूरी कहानी में।
 

FATF की नई रिपोर्ट में महत्वपूर्ण खुलासे

FATF रिपोर्ट: पेरिस स्थित फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने हाल ही में आतंकवाद के वित्तपोषण से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। इस रिपोर्ट में पहली बार यह स्वीकार किया गया है कि आतंकवाद की जड़ें केवल संगठनों में नहीं, बल्कि कुछ देशों की नीतियों में भी हैं।


भारत के आरोपों को मिला समर्थन

भारत ने लंबे समय से यह आरोप लगाया है कि पाकिस्तान लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) जैसे आतंकवादी समूहों को समर्थन देता है। FATF की यह रिपोर्ट भारत के इस दावे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूती प्रदान कर सकती है।


राज्य प्रायोजित आतंकवाद की स्वीकृति

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि FATF की रिपोर्ट में 'राज्य प्रायोजित आतंकवाद' की अवधारणा को स्वीकार किया गया है, जिससे भारत की स्थिति और मजबूत हुई है। 2022 में भारत ने अपनी मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद वित्तपोषण जोखिम रिपोर्ट में पाकिस्तान को इस खतरे का मुख्य स्रोत बताया था।


गेमिंग प्लेटफॉर्म और नकली एनजीओ का उपयोग

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन गेमिंग वेबसाइटों और गैर-लाभकारी संस्थाओं का सहारा ले रहे हैं। लश्कर और जैश जैसे समूह फर्जी धर्मार्थ संस्थाओं के माध्यम से धन जुटा रहे हैं और गेमिंग प्लेटफॉर्म्स का उपयोग युवाओं को कट्टरपंथ की ओर आकर्षित करने के लिए कर रहे हैं।


पाकिस्तान पर बढ़ता दबाव

FATF की रिपोर्ट में पाकिस्तान में आतंकवाद को मिलने वाले राज्यस्तरीय समर्थन और बैंकिंग चैनलों के दुरुपयोग का उल्लेख किया गया है। भारत ने अप्रैल 2025 में हुए पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाया है कि उसे फिर से FATF की ग्रे लिस्ट में डाला जाए।


आतंकवाद के वित्तपोषण का पैटर्न

FATF ने रिपोर्ट में 2019 के पुलवामा हमले में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग और अप्रैल 2025 के पहलगाम हमले में संदिग्ध वित्तीय लिंक का भी उल्लेख किया है। इससे भारत को पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई का आधार मिल सकता है।


क्या पाकिस्तान को आतंक के समर्थक देश के रूप में स्वीकार किया जाएगा?

FATF की यह रिपोर्ट केवल एक दस्तावेज़ नहीं है, बल्कि यह आतंकवाद के वैश्विक नेटवर्क की सच्चाई को उजागर करती है। अब यह देखना होगा कि क्या दुनिया पाकिस्तान को आतंक के समर्थक देश के रूप में स्वीकार करेगी।