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H-1B वीजा शुल्क में वृद्धि से भारत से अमेरिका की उड़ानों में उछाल

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एच-1बी वीजा शुल्क में वृद्धि की घोषणा के बाद, भारत से अमेरिका की उड़ानों में टिकटों की कीमतों में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। प्रमुख तकनीकी कंपनियों ने अपने विदेशी कर्मचारियों से अमेरिका में रहने की अपील की है, जिससे हड़कंप मच गया है। रिपोर्टों के अनुसार, इकोनॉमी क्लास की उड़ानें अब 2.8 लाख रुपये तक पहुंच गई हैं। जानें इस स्थिति का पूरा विवरण और क्या नए नियम पुराने कर्मचारियों पर लागू होंगे।
 

H-1B वीजा शुल्क में वृद्धि का प्रभाव

एच-1बी वीजा शुल्क: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एच-1बी वीजा की फीस में वृद्धि की घोषणा के बाद, इसका असर तेजी से देखने को मिल रहा है। प्रमुख तकनीकी कंपनियों जैसे अमेजन, मेटा और माइक्रोसॉफ्ट ने अपने विदेशी कर्मचारियों से अमेरिका में रहने और वापस लौटने की अपील की है। इस बीच, भारत में एच-1बी वीजा धारकों में हड़कंप मच गया है। लोग तेजी से अमेरिका लौटने के लिए फ्लाइट टिकट बुक करने लगे हैं, जिसके कारण भारत से अमेरिका जाने वाली उड़ानों के टिकटों की कीमतों में भारी वृद्धि हुई है।

रिपोर्टों के अनुसार, एच-1बी वीजा शुल्क में वृद्धि की घोषणा से पहले, सामान्य दिनों में भारत से अमेरिका की इकोनॉमी क्लास की उड़ान का किराया 40,000 से 80,000 रुपये था। लेकिन ट्रंप प्रशासन के ऐलान के बाद, यह किराया बढ़कर 2.8 लाख रुपये तक पहुंच गया है। ट्रैवल एजेंटों का कहना है कि एयर इंडिया, यूनाइटेड और अमेरिकन एयरलाइंस की सभी नॉनस्टॉप उड़ानों की टिकटें लगभग पूरी तरह से बुक हो चुकी हैं। अंतिम समय में बुकिंग ने टिकट की कीमतों को और बढ़ा दिया है।

हालांकि, एच-1बी वीजा की बढ़ी हुई फीस केवल नए कर्मचारियों पर लागू होगी, जो अमेरिका में भर्ती हो रहे हैं, जबकि पुराने कर्मचारियों पर यह नई शर्तें लागू नहीं होंगी। जब तक यह जानकारी सामने आई, तब तक बड़ी संख्या में लोग पहले ही फ्लाइट टिकट बुक कर चुके थे। शनिवार दोपहर तक, दिल्ली से न्यूयॉर्क जाने वाली इकोनॉमी क्लास की फ्लाइट टिकट 1.05 लाख रुपये में बिक रही थी।