Maharashtra में अजित पवार का बड़ा कदम: शरद पवार गुट के साथ चुनावी गठबंधन की घोषणा
Maharashtra Civic Election में नया मोड़
Maharashtra Civic Election: महाराष्ट्र की राजनीतिक स्थिति में एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने पिंपरी-चिंचवड़ नगर निगम चुनाव के लिए शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (SP) के साथ गठबंधन की घोषणा की है। यह जानकारी रविवार, 28 दिसंबर 2025 को एक चुनावी सभा में साझा की गई। उल्लेखनीय है कि राज्य के 29 नगर निगमों के चुनाव 15 जनवरी 2026 को होने वाले हैं। अजित पवार ने इस गठबंधन को पवार परिवार की एकता और महाराष्ट्र के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
गठबंधन का कारण
अजित पवार ने कहा कि उम्मीदवारों की सूची तैयार करते समय दोनों पक्षों ने मिलकर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया। इससे परिवार में बंटवारे की स्थिति समाप्त हो रही है। उन्होंने कहा कि लोगों के मन में गठबंधन को लेकर कई सवाल थे, जो अब स्पष्ट हो गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य के हित में कभी-कभी कठोर निर्णय लेना आवश्यक होता है।
सीटों के बंटवारे पर बातचीत अंतिम चरण में है और जल्द ही आधिकारिक घोषणा की जाएगी। पिंपरी-चिंचवड़ में यह समझौता भाजपा के खिलाफ वोटों को एकजुट करने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
पुणे में गठबंधन क्यों नहीं हुआ?
पुणे नगर निगम चुनाव के लिए पहले प्रयास किया गया, लेकिन बात नहीं बनी। विवाद का कारण चुनाव चिन्ह था। अजित गुट चाहता था कि शरद गुट के उम्मीदवार 'घड़ी' चिन्ह पर चुनाव लड़ें, जबकि शरद गुट 'तूतारी' पर अड़ा रहा। शरद गुट के नेता अंकुश काकड़े ने कहा कि अजित के नेतृत्व को स्वीकार करने से गलत संदेश जाएगा। इसलिए पुणे में दोनों अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं।
अजित पवार गुट को मिला 'घड़ी' चिन्ह
चुनाव आयोग और अदालत के निर्णय से 'घड़ी' चिन्ह अजित पवार गुट को मिला है। शरद गुट 'तूतारी' पर चुनाव लड़ रहा है। सुप्रिया सुले महाविकास अघाड़ी (MVA) के साथ रहना चाहती हैं, जिसमें कांग्रेस और शिवसेना (UBT) शामिल हैं। लेकिन पिंपरी-चिंचवड़ का यह गठबंधन राज्य की राजनीति में नई हलचल पैदा कर रहा है।
यह देखना बाकी है कि यह गठबंधन केवल स्थानीय चुनावों तक सीमित रहेगा या विधानसभा चुनावों तक जाएगा। यह एनसीपी के पुराने वोट बैंक को मजबूत करने में मदद कर सकता है। वहीं, भाजपा की मजबूती के सामने वोटों के बंटने से बचाने की कोशिश भी स्पष्ट है।