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PL-15 मिसाइल की तकनीक से भारतीय रक्षा में नया मोड़, जानें क्या है खास

भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने PL-15 एयर-टू-एयर मिसाइल की तकनीक को स्वदेशी अस्त्र मार्क-2 में शामिल करने का निर्णय लिया है। यह कदम ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एक पाकिस्तानी मिसाइल की बरामदगी के बाद उठाया गया। इस लेख में जानें कि कैसे यह तकनीक भारतीय मिसाइल प्रणाली को सशक्त बनाएगी और पाकिस्तान ने अपनी वायुसेना के लिए हथियारों की खरीद प्रक्रिया को कैसे तेज किया है।
 

PL-15 मिसाइल का विश्लेषण


PL-15 मिसाइल का विश्लेषण: भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने चीन की PL-15 एयर-टू-एयर मिसाइल की उन्नत तकनीकों को स्वदेशी अस्त्र मार्क-2 मिसाइल कार्यक्रम में शामिल करने का निर्णय लिया है। यह कदम मई में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी लड़ाकू विमान द्वारा दागी गई एक मिसाइल के तकनीकी विश्लेषण के बाद उठाया गया है। यह मिसाइल 9 मई को पंजाब के होशियारपुर जिले में पूरी तरह अविस्फोटित स्थिति में बरामद हुई थी।


इस बरामदगी ने न केवल दुश्मन की क्षमताओं का खुलासा किया, बल्कि भारतीय मिसाइल प्रणाली को और अधिक सशक्त बनाने का मार्ग भी प्रशस्त किया है।


दुश्मन की कमजोरी का लाभ

ऑपरेशन सिंदूर भारत की एक सैन्य प्रतिक्रिया थी, जो 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू की गई थी, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी। इस ऑपरेशन के दौरान एक पाकिस्तानी लड़ाकू विमान से दागी गई PL-15E मिसाइल अपने लक्ष्य को भेदने में असफल रही और भारत की सीमा में लगभग 100 किलोमीटर अंदर गिर गई। यह मिसाइल, जो JF-17 या J-10C फाइटर जेट से लॉन्च की गई थी, विस्फोट नहीं हुई क्योंकि इसमें सेल्फ-डिस्ट्रक्ट मैकेनिज्म नहीं था, जो भारतीय मिसाइलों में सामान्यतः होता है।


अस्त्र मिसाइल में नई तकनीक

अस्त्र मिसाइल में आएंगे अत्याधुनिक फीचर: DRDO के तकनीकी विश्लेषण में कई उन्नत विशेषताएँ मिली हैं, जिन्हें भारत की अगली पीढ़ी की अस्त्र मार्क-2 मिसाइल में शामिल किया जा रहा है। इनमें शामिल हैं:



  • मिनीच्योर एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे (AESA) रडार


  • ऐडवांस्ड प्रोपलेंट तकनीक, जो मिसाइल को Mach 5 से अधिक की गति प्रदान करती है


  • सशक्त एंटी-जैमिंग क्षमता, जो दुश्मन के रडार और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को मात देने में सक्षम है



हालांकि DRDO की रिपोर्ट अभी रक्षा मंत्रालय के पास है और इस पर कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया गया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार इन सभी तकनीकों को भारतीय मिसाइल प्रणाली में एकीकृत किया जा रहा है।


पाकिस्तान की नई हथियारों की होड़

सूत्रों के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने अपनी वायुसेना के लिए हथियारों की खरीद प्रक्रिया तेज कर दी है। इसमें शामिल हैं:



  • चीन से लंबी दूरी की PL-17 मिसाइलें


  • तुर्की से 2,000 YIHA कामिकाज़े ड्रोन


  • अमेरिका को सौंपा गया उन्नत हथियारों की मांग पत्र


  • भारतीय हथियारों का प्रदर्शन रहा शानदार, ब्रह्मोस और SCALP का कहर



ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल

रैम्पेज और SCALP मिसाइलें, जो सटीक निशाना साधने में सक्षम रहीं। इसके अतिरिक्त, भारतीय वायुसेना ने भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए राफेल विमानों के लिए अतिरिक्त मेटेओर मिसाइलें हासिल करने की योजना बनाई है। साथ ही 800 किलोमीटर रेंज वाला अगली पीढ़ी का ब्रह्मोस मिसाइल भी विकसित किया जा रहा है, जिससे पाकिस्तान के लगभग पूरे क्षेत्र को कवर किया जा सके।


बदलती रणनीति

पाकिस्तान के पास मौजूद तीन से पांच चीनी HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम को देखते हुए भारत की युद्ध नीति में भी बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। अब भारतीय लड़ाकू विमान दुश्मन की हवाई रक्षा प्रणाली की पहुंच से बाहर रहकर लंबी दूरी की मिसाइलों से हमला करेंगे, जिनका मकसद ग्राउंड और एयरबॉर्न रडार सिस्टम को नष्ट करना होगा।


संघर्ष विराम उल्लंघन पर भारत का सख्त रुख

पाकिस्तान ने 10 मई को शाम 5 बजे संघर्ष विराम की घोषणा की थी, लेकिन इसके बावजूद जम्मू और राजस्थान सेक्टरों में कामिकाज़े ड्रोन और रॉकेट दागे गए। भारतीय सेना ने तत्काल प्रतिक्रिया नहीं दी, लेकिन सूत्रों का कहना है कि अगली बार भारत इतना सहनशील नहीं होगा। पाकिस्तान ने हाल ही में अफगानिस्तान के स्पिन बोलदाक क्षेत्र में भी संघर्ष विराम के बावजूद हवाई हमले किए हैं, जिससे उसकी नीयत पर सवाल उठने लगे हैं।