PM मोदी की बैठक: 2026 बजट और विकास चुनौतियों पर चर्चा
महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन
आज होगी अहम बैठक, 2026 बजट, विकास चुनौतियों और अमेरिकी टैरिफ पर चर्चा की उम्मीद
नई दिल्ली: वर्ष 2025 वैश्विक व्यापार और उद्योग के लिए कई चुनौतियों से भरा रहा, और भारत भी इससे अछूता नहीं रहा। अमेरिका द्वारा लगाए गए उच्च टैरिफ ने भारत की विकास दर को प्रभावित करने की आशंका पैदा की है, जिससे भारतीय निर्यात पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। हालांकि, केंद्र सरकार ने त्वरित आर्थिक उपायों के जरिए स्थिति को संभालने का प्रयास किया है।
इसी संदर्भ में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश के प्रमुख अर्थशास्त्रियों और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित करेंगे। यह बैठक आगामी आम बजट 2026-27 की रूपरेखा और प्राथमिकताओं को अंतिम रूप देने के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 1 फरवरी को पेश किए जाने वाले केंद्रीय बजट से पहले यह बैठक विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था इस समय जटिल वैश्विक परिस्थितियों का सामना कर रही है।
बैठक में नीति आयोग के उपाध्यक्ष भी शामिल होंगे
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी, सीईओ बी.वी.आर. सुब्रमण्यम और आयोग के अन्य सदस्य भी उपस्थित रहेंगे। प्रधानमंत्री इस संवाद के माध्यम से विकास दर को गति देने, राजकोषीय समेकन और रोजगार सृजन के लिए विशेषज्ञों से व्यावहारिक सुझाव मांगेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि बैठक का मुख्य केंद्र बिंदु एमएसएमई क्षेत्र को मजबूती प्रदान करना और निर्यात व विनिर्माण में एमएसएमई की भूमिका को बढ़ाना हो सकता है। इसके अलावा, ग्रामीण मांग में सुधार और कृषि मूल्य श्रृंखला के आधुनिकीकरण पर भी चर्चा की जा सकती है।
अमेरिकी टैरिफ से निपटना बड़ी चुनौती
बजट 2026-27 ऐसे समय में आ रहा है जब वैश्विक भू-राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। सबसे बड़ी चुनौती अमेरिका द्वारा भारतीय शिपमेंट पर लगाए गए 50 प्रतिशत के भारी टैरिफ से उत्पन्न हुई है। आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका के इस एकतरफा कदम से भारतीय निर्यातकों, विशेष रूप से कपड़ा, आईटी और इंजीनियरिंग क्षेत्रों पर दबाव बढ़ सकता है। प्रधानमंत्री की इस बैठक में इस बात पर गहन मंथन होने की उम्मीद है कि आगामी बजट के माध्यम से भारतीय घरेलू उद्योगों को इन बाहरी झटकों से कैसे सुरक्षित रखा जाए और 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान को कैसे नई दिशा दी जाए।