Rajnath Singh का पाकिस्तान पर हमला: आतंकवाद के खिलाफ सख्त संदेश
Rajnath Singh SCO Summit में आतंकवाद पर कड़ा रुख
Rajnath Singh SCO Summit: शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की रक्षा मंत्रियों की बैठक में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को सीधे निशाने पर लिया। उन्होंने बिना नाम लिए पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि कुछ देश आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं और आतंकियों को शरण दे रहे हैं। यह बयान उस समय आया जब अप्रैल में पहलगाम में हुए आतंकी हमले की यादें ताजा हैं।
राजनाथ सिंह ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ कोई भी दोहरा मापदंड नहीं होना चाहिए और एससीओ को ऐसे देशों की आलोचना करने में संकोच नहीं करना चाहिए। इस दौरान पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ भी बैठक में मौजूद थे, जब राजनाथ सिंह आतंकवाद के खिलाफ भारत की सख्त नीति का संदेश दे रहे थे।
आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश
राजनाथ सिंह ने कहा, "कुछ देश सीमा पार आतंकवाद को नीति के उपकरण के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं और आतंकियों को पनाह दे रहे हैं। ऐसे दोहरे मापदंडों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। एससीओ को ऐसे देशों की आलोचना करने में संकोच नहीं करना चाहिए।"
उन्होंने आगे कहा, "आतंकवाद का कोई भी कृत्य अपराध है और इसे किसी भी परिस्थिति में न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता। एससीओ के सदस्यों को इस बुराई की स्पष्ट और एकमत आलोचना करनी चाहिए।"
आतंक के संरक्षकों को मिले सजा
उन्होंने यह भी कहा कि, "ऐसे सभी लोगों को जो इन घिनौने आतंकी कृत्यों के योजनाकार, प्रायोजक, फाइनेंसर और सहयोगी हैं जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए और उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए, चाहे वे सीमा पार के आतंकवादी हों या किसी संगठन से जुड़े।"
कट्टरता और अस्थिरता पर चिंता
राजनाथ सिंह ने क्षेत्रीय अस्थिरता की जड़ें आतंकवाद, चरमपंथ और कट्टरता को बताया। उन्होंने कहा, "हमारे क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और विश्वास की कमी जैसी सबसे बड़ी चुनौतियों का मुख्य कारण आतंकवाद, उग्रवाद और बढ़ती कट्टरता है।"
उन्होंने यह भी कहा कि "शांति और समृद्धि आतंकवाद के साथ सह-अस्तित्व नहीं कर सकते, खासकर जब गैर-राज्य तत्वों और आतंकी समूहों के हाथ में बड़े पैमाने पर विनाश के हथियार हों। इन खतरों से निपटने के लिए एकजुट और निर्णायक कदमों की आवश्यकता है।"
वैश्विक परिवर्तन और साझा जिम्मेदारी
बैठक में अपने संबोधन में उन्होंने मौजूदा वैश्विक बदलावों पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा, "हम जिस दुनिया में रह रहे हैं वह तेजी से बदल रही है। वैश्वीकरण जो कभी हमें करीब लाया करता था, अब अपनी गति खो रहा है। बहुपक्षीय संस्थाओं की कमजोरी के कारण शांति बनाए रखने और अर्थव्यवस्थाओं के पुनर्निर्माण जैसे जरूरी मुद्दों से निपटना कठिन हो गया है।"
SCO में भारत की भूमिका और बैठक की जानकारी
राजनाथ सिंह गुरुवार को किंगदाओ पहुंचे जहां उन्हें चीन के रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जून ने औपचारिक रूप से स्वागत किया। बैठक की औपचारिक शुरुआत से पहले उन्होंने पाकिस्तान, चीन, रूस सहित अन्य एससीओ देशों के रक्षा मंत्रियों के साथ सामूहिक फोटो सेशन में हिस्सा लिया।
एससीओ रक्षा मंत्रियों की दो दिवसीय बैठक 25-26 जून को आयोजित हो रही है, जिसका उद्देश्य साझा सुरक्षा चुनौतियों, आतंकवाद विरोधी उपायों और सैन्य सहयोग पर चर्चा करना है।
क्या है शंघाई सहयोग संगठन?
शंघाई सहयोग संगठन एक क्षेत्रीय अंतर-सरकारी संगठन है जिसकी स्थापना 2001 में हुई थी। इसका उद्देश्य आपसी विश्वास, राजनीतिक संवाद, सुरक्षा सहयोग और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देना है। भारत 2017 में इस संगठन का पूर्ण सदस्य बना और 2023 में इसकी अध्यक्षता भी संभाली।
वर्तमान में एससीओ में 10 सदस्य देश शामिल हैं: चीन, भारत, रूस, पाकिस्तान, कजाखस्तान, किर्गिजस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, ईरान और बेलारूस। चीन इस बार 2025 में संगठन की अध्यक्षता कर रहा है।