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Trump और Putin की बैठक: क्या यूक्रेन में शांति संभव है?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन में युद्धविराम की मांग से पीछे हटते हुए अब पूर्ण शांति समझौते का समर्थन किया है। पुतिन के साथ हुई बैठक के बाद, ट्रंप ने कहा कि स्थायी समाधान के लिए युद्ध को समाप्त करने वाला समझौता अधिक प्रभावी होगा। इस बीच, यूरोपीय नेताओं ने इस घटनाक्रम पर अपनी निराशा व्यक्त की है। सभी की नजरें अब यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की की वाशिंगटन यात्रा पर हैं, जहां वे ट्रंप के साथ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
 

Trump का नया रुख: शांति समझौते का समर्थन

Trump Meeting with Putin: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को यूक्रेन में युद्धविराम की अपनी पूर्व मांग से पीछे हटते हुए अब सीधे पूर्ण शांति समझौते का समर्थन किया है. यह बड़ा बदलाव पुतिन के साथ अलास्का में हुई शिखर वार्ता के कुछ ही घंटों बाद सामने आया, जहां कोई खास सफलता हासिल नहीं हो सकी. शुरुआत में ट्रम्प की प्राथमिकता युद्धविराम को लागू कर शत्रुता पर रोक लगाना थी, लेकिन अब उन्होंने यह स्पष्ट किया है कि स्थायी समाधान के लिए युद्ध को पूरी तरह समाप्त करने वाला शांति समझौता अधिक प्रभावी रहेगा.


पुतिन के प्रस्ताव पर ट्रम्प की सहमति

वार्ता से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि ट्रम्प ने पुतिन के उस प्रस्ताव का समर्थन किया जिसमें रूस के कब्जे वाले दो यूक्रेनी क्षेत्रों पर उसका पूर्ण नियंत्रण मानने की बात कही गई है. इसके बदले में रूस अपने सैनिकों को दो अन्य क्षेत्रों में रोकने के लिए तैयार है. सूत्र से पता चला है कि पुतिन वास्तव में मांग कर रहे हैं कि यूक्रेन डोनबास छोड़ दे. रूस ने 2022 में डोनबास क्षेत्र के अलावा खेरसॉन और जापोरीज्जिया पर भी कब्जा करने का दावा किया था, लेकिन यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने डोनबास छोड़ने से इनकार कर दिया है.


ट्रंप का शांति समझौते पर जोर

ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर लिखा कि युद्धविराम समझौते अक्सर टिक नहीं पाते. उनके अनुसार, सभी पक्ष अब सीधे शांति समझौते पर जाने को तैयार हैं, जिससे युद्ध का अंत संभव हो सकेगा. ट्रम्प ने यह भी कहा कि अमेरिका, यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी देने को तैयार है. जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने ट्रम्प की इस घोषणा को महत्वपूर्ण कदम बताया.


यूरोपीय नेताओं की प्रतिक्रिया

हालांकि यूरोपीय संघ की शीर्ष राजनयिक काजा कल्लास ने इस घटनाक्रम को लेकर निराशा व्यक्त की. उन्होंने आरोप लगाया कि पुतिन का उद्देश्य युद्ध समाप्त करना नहीं, बल्कि वार्ता को लंबा खींचना है. उन्होंने यह भी कहा कि कठोर वास्तविकता यह है कि रूस का इस युद्ध को भविष्य में समाप्त करने का कोई इरादा ही नहीं है.


जेलेंस्की की वाशिंगटन यात्रा

अब सभी की निगाहें यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की की सोमवार को होने वाली वाशिंगटन यात्रा पर टिकी हैं. इस यात्रा में कई यूरोपीय नेताओं के भी शामिल होने की संभावना है. पिछली बार फरवरी में जब जेलेंस्की व्हाइट हाउस पहुंचे थे, तब ट्रम्प और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने उन्हें अमेरिकी समर्थन के प्रति पर्याप्त आभार न जताने पर सार्वजनिक फटकार लगाई थी. इस बार जेलेंस्की ने उम्मीद जताई है कि वह ट्रम्प के साथ हत्या और युद्ध को समाप्त करने के सभी विवरणों पर चर्चा करेंगे.


फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन की रणनीति

रविवार को फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी के नेता एक वीडियो कॉल के जरिए आगे की रणनीति पर विचार करेंगे. उन्होंने पहले ट्रंप -पुतिन-जेलेंस्की वार्ता की योजना का स्वागत किया था, और यह साफ किया कि युद्धविराम न होने की स्थिति में वे रूस पर दबाव बनाए रखेंगे. बयान में कहा गया कि जब तक न्यायपूर्ण और स्थायी शांति स्थापित नहीं हो पाती है. हम रूस की युद्ध अर्थव्यवस्था पर दबाव डालने के लिए प्रतिबंधों और व्यापक आर्थिक उपायों को मजबूत करना जारी रखेंगे.