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अंबाला में दहेज विवाद के चलते पत्थरबाजी, दो परिवारों में हिंसक झड़प

अंबाला छावनी के दिलीप गढ़ में दहेज मांग को लेकर दो परिवारों के बीच हुई हिंसक झड़प ने क्षेत्र में दहशत फैला दी। जब एक युवती के ससुराल वालों ने 10 लाख रुपये दहेज की मांग की, तो मामला बढ़ गया। स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचित किया, जिसने स्थिति को नियंत्रित किया। यह घटना दहेज प्रथा की गंभीरता को उजागर करती है और समाज में इसके खिलाफ एकजुट होने की आवश्यकता को दर्शाती है।
 

दहेज विवाद से शुरू हुई हिंसा

अंबाला छावनी के दिलीप गढ़ क्षेत्र में देर रात दो परिवारों के बीच दहेज को लेकर गंभीर झड़प हुई। यह विवाद तब शुरू हुआ जब एक युवती के ससुराल वालों ने 10 लाख रुपये दहेज की मांग की। जब लड़की के परिवार ने इस मांग को अस्वीकार किया, तो स्थिति हिंसक हो गई। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर ईंटों, पत्थरों और गुलेलों से हमला किया, जिससे पूरे इलाके में दहशत फैल गई।


स्थानीय लोगों की पुलिस को सूचना

दुकानदारों ने अपनी दुकानों को बंद कर दिया और स्थानीय निवासियों ने तुरंत पुलिस को सूचित किया। मौके पर तोपखाना और कैंट थाने की पुलिस पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ कि यह मामला पारिवारिक विवाद से संबंधित है, जो दहेज की मांग के कारण बिगड़ गया।


दहेज प्रथा की गंभीरता का खुलासा

इस घटना ने एक बार फिर दहेज प्रथा से जुड़ी हिंसा की गंभीरता को उजागर किया है। युवती के परिवार का कहना है कि उनकी बेटी को ससुराल में मानसिक और शारीरिक यातना का सामना करना पड़ा। जब उन्होंने दहेज देने से मना किया, तो ससुराल वालों ने लड़की को पीटना शुरू कर दिया।


पुलिस की तत्परता से टला बड़ा हादसा

घटना की जानकारी मिलते ही डायल 112 पर कॉल की गई और पुलिस तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गई। तोपखाना चौकी प्रभारी शमशेर ने बताया कि स्थिति को तुरंत काबू में कर लिया गया। पुलिस दोनों पक्षों से बातचीत कर रही है और आगे की कार्रवाई कानून के अनुसार की जाएगी।


दहेज प्रथा के खिलाफ एकजुट होने की आवश्यकता

इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि दहेज प्रथा आज भी समाज में हिंसा और तनाव का एक प्रमुख कारण बनी हुई है। लोगों को इस सामाजिक कुप्रथा के खिलाफ एकजुट होने की आवश्यकता है और ऐसी घटनाओं से सबक लेना चाहिए।