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अखिलेश यादव का फेसबुक अकाउंट निलंबन: विवाद और प्रतिक्रियाएँ

समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव का फेसबुक अकाउंट हाल ही में निलंबित किया गया, जिससे राजनीतिक विवाद उत्पन्न हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके अकाउंट को 'वयस्क यौन शोषण और हिंसा' से संबंधित आपत्तियों के कारण निलंबित किया गया। इस मामले में केंद्रीय मंत्री ने सरकार की भूमिका से इनकार किया है, जबकि सपा ने इसे भाजपा सरकार द्वारा लोकतंत्र पर हमला बताया है। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और विभिन्न प्रतिक्रियाएँ।
 

अखिलेश यादव का फेसबुक अकाउंट निलंबन


अखिलेश यादव का फेसबुक अकाउंट विवाद: समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव की फेसबुक प्रोफ़ाइल को मेटा द्वारा निलंबित करने का मामला अब चर्चा का विषय बन गया है। उन्होंने बताया कि उनके अकाउंट को 'वयस्क यौन शोषण और हिंसा' से संबंधित कुछ आपत्तियों के कारण निलंबित किया गया। यादव ने यह भी कहा कि जिन पोस्टों पर आपत्ति उठाई गई, उनमें कुछ भी गलत नहीं था।


सूत्रों के अनुसार, अखिलेश यादव का फेसबुक अकाउंट शुक्रवार शाम लगभग 6 बजे निलंबित किया गया था, लेकिन अब इसे पुनः सक्रिय कर दिया गया है। जब शनिवार को उनसे इस मामले में सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, “मुझे बताया गया कि मेरा अकाउंट कुछ आपत्तियों के कारण सस्पेंड किया गया था। मुझे यह भी बताया गया कि आपत्ति 'वयस्क यौन शोषण और हिंसा' से संबंधित थी। जब मैंने पूरी रिपोर्ट देखी, तो उसमें बलिया की एक महिला से जुड़ी और एक पत्रकार की हत्या से संबंधित पोस्ट थीं... इसमें क्या गलत था? हम समझते हैं कि जितना अधिक हम ज़मीन पर काम करेंगे, हमारी लड़ाई उतनी ही सफल होगी, और इसलिए हम ज़मीन पर ही काम करेंगे।”


वहीं, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “यह कार्रवाई फेसबुक द्वारा की गई है। इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं है। उनके अकाउंट से एक अपमानजनक पोस्ट किया गया था, जिसके कारण फेसबुक ने अपनी नीतियों के अनुसार यह निर्णय लिया है।” इससे पहले, समाजवादी पार्टी ने अखिलेश यादव के अकाउंट के निलंबन को भाजपा सरकार द्वारा हर विरोधी आवाज को दबाने के लिए 'अघोषित आपातकाल' लगाने का आरोप लगाया है।


सपा प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने एक्स पर लिखा, “देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय अखिलेश यादव जी का फेसबुक अकाउंट निलंबित करना लोकतंत्र पर हमला है। भाजपा सरकार ने अघोषित आपातकाल लगा दिया है, जहाँ हर विरोधी आवाज को दबाया जा रहा है। लेकिन समाजवादी पार्टी भाजपा की जनविरोधी नीतियों का विरोध करती रहेगी।”