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अखिलेश यादव ने इटावा के कथावाचकों को सम्मानित किया, 21 हजार रुपये दिए

उत्तर प्रदेश के इटावा में कथावाचकों पर हुए हमले के बाद, समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने उन्हें लखनऊ बुलाकर सम्मानित किया। इस समारोह में उन्होंने कथावाचकों को 21-21 हजार रुपये दिए और उनकी कथा भी सुनी। इस घटना के बाद, यादव ने भाजपा पर भी तीखा हमला किया, यह कहते हुए कि कथा कहने का अधिकार केवल एक विशेष वर्ग का नहीं होना चाहिए। जानें इस घटना के सभी पहलुओं के बारे में।
 

अखिलेश यादव का सम्मान समारोह

समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव: उत्तर प्रदेश के इटावा में कथावाचकों पर हुए हमले के बाद, अखिलेश यादव ने उन्हें लखनऊ बुलाकर सम्मानित किया। उन्होंने कथावाचक और उनकी टीम के तीन सदस्यों को पार्टी कार्यालय में आमंत्रित किया, जहां मीडिया के सामने उनका सम्मान किया गया और उनकी कथा भी सुनी गई। इसके साथ ही, उन्हें 21-21 हजार रुपये भी दिए गए।


इटावा में कथावाचकों पर हमला

इटावा में जाति पूछने के बाद कथावाचकों के साथ मारपीट की गई थी, जिसमें अभद्रता भी शामिल थी। कथावाचक और एक अन्य व्यक्ति की चोटी काटी गई और उनके सिर भी मुंडवा दिए गए। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हड़कंप मच गया। पुलिस ने चार आरोपियों की गिरफ्तारी की बात कही है।


अखिलेश यादव ने कथा सुनी और उपहार दिए

अखिलेश यादव ने पहले इस घटना पर तीखा हमला किया था और अब उन्होंने सभी कथावाचकों को पार्टी कार्यालय बुलाकर सम्मानित किया। जानकारी के अनुसार, उन्होंने कथावाचकों को ढोलक उपहार में दी और कथा सुनवाई। इसके बाद, उन्होंने मंच पर बुलाकर 21-21 हजार रुपये के लिफाफे दिए और 51-51 हजार रुपये देने का ऐलान किया।


कथावाचक के आरोप

कथावाचक ने आरोप लगाया कि उन्हें कथा करने के लिए बुलाया गया था, लेकिन रात में कुछ लोगों ने उनकी जाति पूछी। जब उन्होंने बताया कि वे यादव हैं, तो उनके साथ मारपीट की गई और कहा गया कि ब्राह्मणों के गांव में कथा करने की हिम्मत कैसे हुई। इसके बाद उनके सामान, जिसमें ढोल और हारमोनियम शामिल थे, रख लिए गए और उनकी गाड़ी की हवा निकाल दी गई।


अखिलेश यादव का भाजपा पर हमला

अखिलेश यादव ने भाजपा पर आरोप लगाया कि यदि उन्हें लगता है कि कथा कहने का अधिकार केवल एक विशेष वर्ग का है, तो उन्हें इसके लिए कानून बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब पीडीए समाज अपनी कथा अलग से कहना शुरू करेगा, तब परंपरागत शक्तियों का साम्राज्य ढह जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा राज में पीडीए समाज को हेय दृष्टि से देखा जाता है।