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अखिलेश यादव ने भाजपा पर कोडीन कफ सिरप रैकेट में संलिप्तता का आरोप लगाया

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह करोड़ों रुपये के कोडीन युक्त कफ सिरप के रैकेट में शामिल लोगों को बचा रही है। उन्होंने कहा कि यह रैकेट केवल उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके तार पूरे देश और विदेशों तक फैले हुए हैं। यादव ने राज्य सरकार की कानून प्रवर्तन नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस मामले में कार्रवाई नहीं हो रही है। इसके अलावा, उन्होंने चुनाव आयोग और राज्य सरकार पर मतदाता सूची में हेरफेर का आरोप भी लगाया।
 

अखिलेश यादव का गंभीर आरोप


लखनऊ। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने गुरुवार को सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर आरोप लगाया कि वह करोड़ों रुपये के कोडीन युक्त कफ सिरप की अवैध आपूर्ति में शामिल लोगों को बचा रही है। यादव ने पार्टी मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि विधानसभा के आगामी सत्र में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी, जिसमें यह कफ सिरप रैकेट भी शामिल है, जो एक गंभीर चिंता का विषय है।


उन्होंने कहा कि कोडीन युक्त कफ सिरप की समस्या केवल उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे देश के लिए चिंता का विषय बन चुकी है। यह रैकेट एक प्रमुख सांसद (वाराणसी) के क्षेत्र से शुरू हुआ है और इसके तार न केवल देश के विभिन्न हिस्सों में बल्कि विदेशों तक फैले हुए हैं। यादव ने बताया कि जो मामला पहले कुछ करोड़ रुपये का लग रहा था, वह अब हजारों करोड़ रुपये के रैकेट में बदल चुका है, जिसके मुख्य तार वाराणसी के आस-पास के जिलों से जुड़े हैं।


पूर्व मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की कानून प्रवर्तन नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि उच्च स्तरीय मामलों में तेजी से कार्रवाई होती है, लेकिन इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार का बुलडोजर चालक भाग गया है। यादव ने आरोप लगाया कि राज्य में 22 बड़ी बुलडोजर कार्रवाई में अधिकांश लक्षित लोग पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) वर्ग से हैं।


अखिलेश यादव ने कहा कि इस घोटाले को उजागर करने वाले पत्रकारों की जान को खतरा बताया जा रहा है, जबकि सरकार मामले को दबाने में लगी है। उन्होंने कहा कि छोटे मामलों में तो तुरंत कार्रवाई होती है, लेकिन इस बड़े घोटाले में ऐसा क्यों नहीं हो रहा। उनका आरोप था कि बुलडोजर केवल विपक्ष को डराने का एक साधन बन गया है। उन्होंने जांच की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाया और कहा कि सिरप मामले की जांच के लिए बनाई गई एसटीएफ टीम में एक ही जिले के कर्मियों का दबदबा है।


सरकार और चुनाव आयोग पर मिलीभगत का आरोप


अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार और चुनाव आयोग मिलकर मतदाता सूची में हेरफेर कर रहे हैं। उनके अनुसार, इस कथित छेड़छाड़ का सबसे बड़ा नुकसान समाजवादी पार्टी को पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची में बदलाव का सीधा असर चुनाव परिणामों पर पड़ता है, इसलिए इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच जरूरी है।


मुख्यमंत्री को कैसे पता चला 4 करोड़ वोट कटे?


सपा प्रमुख ने सवाल उठाया कि जब तक स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हुई, तब तक मुख्यमंत्री को चार करोड़ मतदाताओं के हटने की जानकारी कैसे मिली। उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री के आंकड़े को सही मान लिया जाए, तो हर विधानसभा सीट पर औसतन करीब 84 हजार वोटरों के नाम हटाए गए होंगे। यह बिना प्रशासनिक आदेश के असंभव है।


अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार SIR को केवल एक बहाना बनाकर मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर बदलाव कर रही है। उन्होंने इसे NRC जैसा कदम बताते हुए आरोप लगाया कि भाजपा इसके जरिए सामाजिक और राजनीतिक संतुलन को बदलना चाहती है। उनका कहना था कि हजारों नाम केवल स्पेलिंग की छोटी-छोटी गलतियों के आधार पर हटाए जा रहे हैं, जबकि चुनाव आयोग इस पूरे विवाद पर चुप्पी साधे हुए है।


प्रदूषण, किसान और जनता के मुद्दों पर सरकार विफल


प्रदूषण पर बोलते हुए अखिलेश ने कहा कि प्रदेश में AQI पूरी तरह नियंत्रण से बाहर है, जिसके कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर के मैच तक रद्द करने पड़े। नदियों की हालत भी बदतर बनी हुई है। किसानों के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि खाद की किल्लत, कमजोर धान खरीद नीति और MSP को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि चुनाव नजदीक आते ही भाजपा जनता के असली मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है, लेकिन समाजवादी पार्टी जनता की आवाज उठाती रहेगी।