अखिलेश यादव ने लोकसभा में भाजपा पर किया तीखा हमला
नई दिल्ली में विशेष चर्चा
नई दिल्ली: लोकसभा में 'वंदे मातरम्' की 150वीं वर्षगांठ पर आयोजित विशेष चर्चा में समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने भाजपा पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि भाजपा हर उस चीज को अपने नाम करने की कोशिश कर रही है, जिससे उसे राजनीतिक लाभ मिल सके।
'वंदे मातरम्' का महत्व
अखिलेश यादव ने कहा कि 'वंदे मातरम्' की विरासत किसी एक राजनीतिक दल की नहीं है, बल्कि यह पूरे देश और स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक है। उन्होंने यह भी कहा कि इस गीत का महत्व आज के राजनीतिक विवादों से कहीं अधिक है और इसे किसी विशेष पार्टी से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
बंकिम चंद्र चटर्जी को श्रद्धांजलि
अखिलेश यादव ने अपने भाषण की शुरुआत बंकिम चंद्र चटर्जी को श्रद्धांजलि देकर की। उन्होंने बताया कि यह गीत स्वतंत्रता संग्राम के दौरान केवल एक गीत नहीं था, बल्कि यह भारतीयों के लिए साहस और एकता का प्रतीक था।
उन्होंने उल्लेख किया कि जब रवींद्रनाथ टैगोर ने कोलकाता कांग्रेस अधिवेशन में इसे गाया, तब यह आम जनता के बीच और अधिक लोकप्रिय हुआ। अंग्रेजों ने इसकी बढ़ती लोकप्रियता से चिंतित होकर 1905 से 1908 के बीच इसे गाने पर प्रतिबंध लगा दिया था।
भाजपा की नीतियों पर सवाल
अखिलेश यादव ने भाजपा को 'राष्ट्र-विवादी' करार देते हुए कहा कि भाजपा इस गीत का उपयोग वास्तविक भावना से नहीं, बल्कि राजनीतिक लाभ के लिए करती है। उन्होंने कहा कि 'वंदे मातरम्' का असली महत्व इसे गाने में नहीं, बल्कि इसकी भावना को अपने जीवन में अपनाने में है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष के लोग हर चीज का श्रेय लेना चाहते हैं, चाहे वह उनकी नीतियों से संबंधित हो या नहीं।