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अजित पवार का विवादास्पद बयान, निकाय चुनाव में बढ़ी राजनीतिक हलचल

महाराष्ट्र में निकाय चुनावों के नजदीक आते ही राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। उप मुख्यमंत्री अजित पवार का एक विवादास्पद बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें उन्होंने मतदाताओं को चेतावनी दी है। इस बयान को लेकर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं और इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ बताया है। जानें इस पर और क्या प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं और कैसे यह बयान राज्य की राजनीति को प्रभावित कर रहा है।
 

राजनीतिक गतिविधियों में तेजी


मुंबई: महाराष्ट्र में निकाय चुनावों की तैयारी के साथ ही राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। इस बीच, राज्य के उप मुख्यमंत्री और एनसीपी (अजित पवार गुट) के प्रमुख अजित पवार अपने एक बयान के कारण चर्चा में हैं।


बारामती में एक जनसभा के दौरान उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है, जिसमें वे मतदाताओं के लिए एक विवादास्पद टिप्पणी करते हुए नजर आ रहे हैं।


जनसभा में दिए गए बयान की चर्चा

पार्टी के उम्मीदवारों के समर्थन में अपील


इस वीडियो में, अजित पवार स्थानीय निकाय चुनाव में अपनी पार्टी के उम्मीदवारों को जीत दिलाने की अपील कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अगर लोग मालेगांव नगर पंचायत में महायुति के 18 उम्मीदवारों को जीत दिलाते हैं, तो वे क्षेत्र की सभी मांगों और वादों पर तेजी से कार्य करेंगे। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि यदि लोग किसी अन्य को वोट देते हैं, तो सरकार भी फंड रोक देगी। उन्होंने कहा, 'आपके पास वोट है, मेरे पास निधि है... अब निर्णय आप करें।'


अजित पवार का यह बयान विपक्ष के लिए एक बड़ा मुद्दा बन गया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो को लेकर कई लोग इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया के खिलाफ मानते हुए प्रतिक्रिया दे रहे हैं।


पवार के पूर्व विवादास्पद बयान

पवार के बयान पर उठे सवाल


यह पहली बार नहीं है जब अजित पवार किसी बयान के कारण चर्चा में आए हैं। इससे पहले सितंबर में, उनका एक फोन कॉल सोलापुर की महिला आईपीएस अधिकारी अंजना कृष्णा के साथ वायरल हुआ था, जिसमें अवैध खनन के मामले पर चर्चा की गई थी।


इस ऑडियो में, अजित पवार अधिकारी से कार्रवाई रोकने के लिए कहते हुए सुने गए थे। जब अधिकारी ने उचित तरीके से बात करने को कहा, तो पवार ने नाराजगी जताई। बाद में, उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य पुलिस की कार्रवाई में हस्तक्षेप करना नहीं था। अब बारामती का यह नया वीडियो राजनीतिक चर्चाओं का केंद्र बन गया है।