अनिल अंबानी की मुश्किलें बढ़ीं: ईडी ने फिर से बुलाया पूछताछ के लिए
अनिल अंबानी और रिलायंस ग्रुप की समस्याएं जारी
नई दिल्ली: अनिल अंबानी और उनके नेतृत्व में चलने वाले रिलायंस ग्रुप को लगातार समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। हाल के हफ्तों में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनकी कंपनियों पर कड़ी कार्रवाई की है। अब, ईडी ने अनिल अंबानी को 14 नवंबर को फिर से पूछताछ के लिए बुलाया है। यह दूसरी बार है जब उन्हें इस जांच के सिलसिले में उपस्थित होने के लिए कहा गया है।
ईडी की कार्रवाई का सिलसिला जारी
31 अक्टूबर 2025 को, ईडी ने PMLA की धारा 5(1) के तहत एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड (RCFL) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 7,500 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क कर दिया।
यह कुर्की उस मामले से संबंधित है जिसमें आरोप है कि RHFL और RCFL द्वारा जुटाई गई जनता की रकम को गलत तरीके से डायवर्ट किया गया और उसे विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से लॉन्डर किया गया।
कुर्क की गई संपत्तियों में अनिल अंबानी का मुंबई के पाली हिल, बांद्रा वेस्ट में स्थित भव्य आवास भी शामिल है। इसके अलावा, कई व्यावसायिक और आवासीय संपत्तियाँ भी इस कार्रवाई के दायरे में आई हैं।
अगस्त में भी हुई थी पूछताछ
यह पहली बार नहीं है जब अनिल अंबानी को ईडी ने तलब किया है। इससे पहले, 5 अगस्त 2025 को भी उन्हें लोन फ्रॉड केस से जुड़े मामलों में पूछताछ के लिए बुलाया गया था। इसके साथ ही, ईडी ने रिलायंस ग्रुप से संबंधित कई कंपनियों के दफ्तरों और परिसरों पर तलाशी अभियान भी चलाए। यह मामला अनिल अंबानी की कानूनी परेशानियों को और बढ़ा रहा है, क्योंकि ईडी इसे एक बड़े वित्तीय घोटाले के रूप में देख रहा है।
देशभर में ईडी की कार्रवाई
ईडी द्वारा कुर्क की गई 40 से अधिक संपत्तियां देश के विभिन्न बड़े शहरों में फैली हुई हैं, जिनमें शामिल हैं:
- मुंबई: पाली हिल स्थित आवास, कार्यालय परिसर
- दिल्ली: रिलायंस सेंटर भवन
- एनसीआर: नोएडा, गाजियाबाद
- दक्षिण भारत: हैदराबाद, चेन्नई (कांचीपुरम सहित)
- अन्य प्रमुख शहर: पुणे, ठाणे, पूर्वी गोदावरी
इन संपत्तियों में आवासीय संपत्तियों से लेकर विशाल व्यावसायिक परिसर तक शामिल हैं, जो जांच के दायरे को और व्यापक बनाते हैं।
पूरे मामले का सारांश
ईडी की जांच का मुख्य केंद्र RHFL और RCFL द्वारा जुटाई गई जनता की राशि का संदिग्ध उपयोग है। जांच एजेंसी का आरोप है कि इन कंपनियों के फंड को ऐसे चैनलों के माध्यम से डायवर्ट किया गया जो सीधे या परोक्ष रूप से अनिल अंबानी समूह से जुड़े थे।
इन गंभीर आरोपों के चलते, ईडी लगातार पूछताछ और कुर्की की कार्रवाई बढ़ा रही है। अनिल अंबानी की मुश्किलें फिलहाल कम होती नहीं दिख रही हैं। 14 नवंबर को ईडी में उनकी पेशी इस मामले को और निर्णायक मोड़ दे सकती है।